रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को बुधवार को एसएबीआई और ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। मंगलवार को इस याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि डीएमएफ घोटाले में रानू साहू और उनकी करीबी माया वारियर की भूमिका संदिग्ध है। माया वारियर को पहले ही गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया जा चुका है, और उनसे मिली जानकारी के आधार पर जांच आगे बढ़ रही है। अभियोजन ने तर्क दिया कि यदि रानू साहू को जमानत दी गई, तो इससे जांच और साक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं।

दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने ईडी की एफआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा कि रानू साहू का इस मामले से कोई संबंध नहीं है और एफआईआर गलत तरीके से दर्ज की गई है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया।

जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) एक ट्रस्ट है, जो छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में गैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित है। इसका उद्देश्य खनन से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हित में काम करना है। डीएमएफ को खनिकों के योगदान से वित्त पोषित किया जाता है, ताकि खनन गतिविधियों से प्रभावित समुदायों को सहायता और लाभ मिल सके।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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