रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। मसल्स को बड़ा बनाने के लिए लोग प्रोटीन पाउडर लेते हैं। ताकत बढ़ाने का यह तरीका घातक साबित हो सकता है। एक ताजा रिपोर्ट में अधिकतर प्रोटीन पाउडर में जहरीले केमिकल पाए गए हैं। इनकी वजह से कैंसर, हार्ट अटैक और क्रॉनिक किडनी डिजीज हो सकती है।

रोज जरूरी प्रोटीन से मसल्स मास बढ़ता है। ताकत बढ़ाने के लिए इसका सेवन बढ़ाना चाहिए। यह पोषक तत्व बालों को मजबूत और स्किन को हेल्दी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। शरीर में इसकी कमी होने पर हड्डियों में कमजोरी आ सकती है। जो लोग डाइट से प्रोटीन नहीं ले पाते हैं, वो बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर लेना शुरू कर देते हैं। जिम जाने वाले अधिकतर लोग प्रोटीन पाउडर खाते हैं। ताकत देने वाले ये प्रोडक्ट कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। यह जिम में आने वाले हार्ट अटैक का कारण भी हो सकता है। क्लिन लेबल प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट में स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों ने इस खतरे के बारे में बताया है। रिपोर्ट के अंदर 3 तरह के प्रोटीन पाउडर में कैंसर और सीकेडी का खतरा बढ़ाने वाले टॉक्सिक हेवी मेटल मिले हैं।

बॉडी में हेवी मेटल की ज्यादा मात्रा जाने से कैंसर से मरने का खतरा 3 गुना बढ़ जाता है। वहीं क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) होने का चार गुना खतरा होता है। बॉडी बिल्डिंग इंडस्ट्री के लिए यह रिजल्ट काफी चौंकाने वाले हैं। यह रिजल्ट 70 टॉप ब्रांड के 160 प्रोडक्ट की जांच करके निकाला गया। इसमें प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर, ऑर्गेनिक प्रोटीन पाउडर और चॉकलेट फ्लेवर्ड प्रोटीन पाउडर में खतरनाक लेड और कैडमियम केमिकल लिमिट से ज्यादा मिले। करीब 77 प्रतिशत प्लांट बेस्ड, 79 प्रतिशत ऑर्गेनिक और 65 प्रतिशत चॉकलेट फ्लेवर के प्रोटीन पाउडर के सैंपल फेल हो गए।

चावल, मटर और सोया से बने प्रोटीन पाउडर :
रिपोर्ट के अंदर प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर में व्हे प्रोटीन से तीन गुना लेड मिला। इन्हें चावल, मटर और सोया से बनाया जाता है। पेड-पौधे जमीन और मिट्टी से इन केमिकल को सोख लेते हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस हेवी मेटल को नर्वस सिस्टम के लिए सबसे खतरनाक बताता है। यह किडनी डैमेज करने से लेकर एनीमिया, इम्यून सिस्टम डैमेज तक कर सकती है। इसकी ज्यादा मात्रा लेने से मौत भी हो सकती है।

मजे से खाते हैं चॉकलेट फ्लेवर प्रोटीन पाउडर :
वैनिला फ्लेवर के मुकाबले चॉकलेट फ्लेवर के प्रोटीन पाउडर में 4 गुना लेड और 110 गुना ज्यादा कैडमियम केमिकल मिला। FSSAI इस हेवी मेटल को किडनी, फेफड़ों और हड्डियों के लिए खतरनाक मानता है। जिन लोगों में आयरन कम होता है, उनके खून में यह तेजी से घुलता है। इससे किडनी पूरी तरह डैमेज हो सकती हैं।

दिल में आएगी खराबी :
लेड, कैडमियम, आर्सेनिक आदि हेवी मेटल शरीर के हर अंग को खराब करते हैं। लंबे समय तक इनके संपर्क में रहने से कभी भी हार्ट अटैक आने की आशंका रह सकती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन इन केमिकल से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा मानता है।

भारत में बैन है ऐसे प्रोडक्ट :
फूड प्रोडक्ट में हेवी मेटल होना एक बड़ी चिंता है। जिसके लिए कुछ नियम बनाए हुए हैं। फूड प्रोडक्ट इंडस्ट्री को इन केमिकल की मात्रा लिमिट के अंदर लानी होती है। केमिकल की ज्यादा मात्रा वाले उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। इन प्रोटीन पाउडर के लेबल पर इनकी जानकारी भी नहीं दी गई थी।

नेचुरल सोर्स पर जताएं विश्वास :
अधिकतर लोग खाने से जरूरी प्रोटीन ले सकते हैं, इन्हें प्रोटीन पाउडर लेने की आवश्यकता नहीं है। अंडा, पालक, सोयबीन, मटर, छोले, बाजरा, चिकन, दूध, दालें, टोफू, टेम्पेह में भरपूर ताकत होती है। इनसे विटामिन और मिनरल भी मिल जाते हैं जो कि पूरे शरीर को हेल्दी बनाते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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