प्रयागराज। कुणाल सिंह ठाकुर। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सोमवार(13 जनवरी) से महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है। सुबह सवेरे शाही स्नान के साथ इसकी शुरुआत हुई। गंगा, यमुना और कल्पित सरस्वती के संगम पर आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। गूगल ने कुंभ मेला पर एक खास फीचर पेश किया है। महाकुंभ टाइप करते ही स्क्रीन पर गुलाब के पंखुरियों की बारिश होने लगती है है।

हेलिकॉप्टर से बरसाए जाएंगे फूल :
12 साल के अंतराल पर होने वाले महाकुंभ में देश विदेश से दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे। इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे भव्य बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों बारिश की जाएगी। पर्यटकों के लिए सस्ती हेलिकॉप्टर राइड की व्यवस्था है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयाेजल होगा। साथ ही मेले की सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था किए गए हैं।

सबसे पहले जूना अखाड़ा के संतों ने लगाई डुबकी :
महाकुंभ के पहले शाही स्नान में सबसे पहले जूना अखाड़ा ने डुबकी लगाई। परंपरा के अनुसार, शाही स्नान में शुरुआत साधु-संतों और अखाड़ों के स्नान से होती है। जूना अखाड़ा के नागा साधु, भव्य शोभायात्रा के साथ संगम तट पर पहुंचे। उनके बाद दूसरे प्रमुख अखाड़ों ने क्रमवार स्नान किया। पूरे आयोजन में अनुशासन और उत्साह का माहौल देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने अखाड़ों के इस पवित्र स्नान को देखकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।

श्रद्धालुओं पर गुलाब की पुष्प वर्षा :
महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं के स्वागत का खास इंतजाम किया गया है। पूरे 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में हेलिकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा होगी। इस आयोजन को खास बनाने के लिए उद्यान विभाग ने हर स्नान पर्व के लिए 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की व्यवस्था की है। कुंभ मेला प्रभारी वीके सिंह ने बताया कि इस पहल का मकसद श्रद्धालुओं को दिव्य और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करना है। गुलाब की पंखुड़ियों से संगम क्षेत्र और अधिक सुंदर और आध्यात्मिक रूप में नजर आएगा।

पहला शाही स्नान आज, सुबह मुहूर्त है :
पवित्र अवसर आज पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पहला शाही स्नान हो रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, यह तिथि 13 जनवरी सुबह 5:03 बजे शुरू होकर 14 जनवरी रात 3:56 बजे तक रहेगी। इसके बाद पांच और शाही स्नान होंगे। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे पवित्र अवसरों पर श्रद्धालु स्नान करेंगे। हर स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। इन आयोजनों का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टिकोण से है।

40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद :
महाकुंभ 2025 में दुनिया भर से 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। पहले शाही स्नान से पहले संगम के तट पर लाखों श्रद्धालु जुट चुके हैं। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर डुबकी लगाकर श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति की कामना कर रहे हैं। सोमवार सुबह से ही संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। इस विशाल आयोजन की सफलता के लिए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल, सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से मेले की निगरानी की जा रही है।

हेलिकॉप्टर राइड का अनोखा अनुभव :
पर्यटकों को प्रयागराज के अद्भुत नजारों का अनुभव देने के लिए हेलिकॉप्टर राइड की व्यवस्था की गई है। पहले इसका किराया 3,000 रुपए था, लेकिन अब इसे घटाकर 1,296 रुपए प्रति व्यक्ति कर दिया गया है। यह राइड 7-8 मिनट तक चलेगी, जिसमें पर्यटक महाकुंभ मेले की भव्यता को आसमान से देख सकेंगे। उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यह पहल पर्यटकों को यादगार अनुभव देने के लिए की गई है। हेलिकॉप्टर राइड न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगी बल्कि मेले की लोकप्रियता को भी बढ़ाएगी।

हेलिकॉप्टर राइड के लिए करें ऑनलाइन बुकिंग :
महाकुंभ की हेलिकॉप्टर राइड का टिकट ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। इसके लिए पर्यटक www.upstdc.co.in पर लॉग इन कर सकते हैं। राइड्स भारत सरकार के पवन हंस उपक्रम द्वारा संचालित होंगी। इसके अलावा मेले में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के मनोरंजन के लिए ड्रोन शो, वॉटर लेजर शो और एडवेंचर गेम्स की भी व्यवस्था की गई है। 24 से 26 जनवरी तक इन कार्यक्रमों में पर्यटकों को भरपूर आनंद मिलेगा।

देशभर के कलाकार देंगे प्रस्तुति :
40 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में देशभर के प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 16 जनवरी को शंकर महादेवन गंगा पंडाल में प्रस्तुति देंगे। वहीं, समापन के अवसर पर 24 फरवरी को मोहित चौहान दर्शकों को अपनी गायकी से मंत्रमुग्ध करेंगे। यूपी दिवस के अवसर पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। इसके साथ ही दूसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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