रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक चुनाव हारने के साइड इफेक्ट अब कांग्रेस पार्टी में दिखने लगे हैं। एक ओर जहां संगठन में बदलाव को लेकर हलचल तेज हो गई है, वहीं जितने नेता उतनी तरह की बातें सामने आने लगी हैं। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने प्रदेश में आदिवासी नेतृत्व की मांग उठाई है। हालांकि वर्तमान पीसीसी चीफ भी आदिवासी ही हैं।

भगत की इस मांग पर अब भावी पीसीसी चीफ बताए जा रहे टीएस सिंहदेव ने कहा है कि, कांग्रेस संगठन में बदलाव का निर्णय हाईकमान का होता है। पार्टी में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, किसी पद के लिए सभी नामों पर विचार किया जा सकता है। जो सबसे उपयुक्त हो, उसे जिम्मेदारी दिया जाना चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि, हार के लिए किसी एक को दोषी ठहराना उचित नहीं है, जीते तो सभी की वजह से, हारे तो सभी की वजह से हारे।

पंचायतों में बेहतर नतीजों की उम्मीद : सिंहदेव :
वहीं नगरीय निकायों के बाद जिला पंचायतों में भी BJP का कब्जा होने के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, कई स्थानों से 50-50 नतीजों की खबर आ रही है। अंबिकापुर, सूरजपुर समेत कई जिलों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अभी कई क्षेत्रों में चुनाव होने हैं, उम्मीद है बेहतर नतीजे आएंगे।

नेताओं की दिल्ली दौड़ :
उल्लेखनीय है कि, कई जिलों से कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने और दूसरे नेताओं पर हार के लिए दोषारोपण करने जैसी खबरें भी आ रही हैं। वहीं उधर पूर्व सीएम भूपेश बघेल और उनके समर्थक कई बड़े नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। माना जा रहा है कि, पीसीसी चीफ के पद को लेकर जल्द ही कोई निर्णय पार्टी आलाकमान ले सकता है, इसी के दृष्टिगत नेताओं की दिल्ली दौड़ चल रही है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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