रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश में कांग्रेस कार्यकाल के दौरान कई विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर था। इसमें से एक क्रेडा विभाग पर भी कांग्रेस का ग्रहण लगा हुआ था।

छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन की बर्बादी में पीएचइ विभाग के अधिकारी और ठेकेदारों की मिली भगत तो है ही इस पूरे मिशन की बर्बादी में कांग्रेस कार्यकाल एक दौरान क्रेडा का बहुत बड़ा रोल है। लेकिन विष्णुदेव साय के सुशासन में अब भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा रहा है।

भूपेश सरकार के जमाने में क्रेडा ने दावेदारी की थी कि हमने एक लाख से अधिक सोलर सिस्टम से छत्तीसगढ़ के गांव किसान और शहरी क्षेत्र में पानी पहुंचाने का काम किया है। जल जीवन मिशन के अधिकारियों का कहना है कि हमने इतने ट्यूबवेल ही नहीं किए हैं, जितने ट्यूबवेल में क्रेडा ने सोलर की टंकियां लगवा दी है, जल जीवन मिशन में अभी पीएचइ के अधिकारियों की जांच हो रही है। साथ ही अब क्रेडा द्वारा CEO राजेश सिंह राणा के मार्गदर्शन में अच्छी तरह से जांच कर मामले की गंभीरता को देखते हुए विकास कार्य किये जा रहे है।

वर्तमान में क्रेडा CEO श्री राणा द्वारा कांग्रेस कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाते हुए कई फर्जी कंपनियों को ब्लैकलिस्टेड किया गया है। आज की बदली हुई परिस्थितियों में ये तीन-चार कंपनियां बिना पानी के मछली की तरह फड़फड़ा रही है, क्योंकि इनकी जांच भी शुरू हो गई है।

नए सीईओ राजेश सिंह राणा ने पूरे सिस्टम को दुरुस्त करते हुए ताजी टेंडर प्रणाली को ऑनलाइन सिस्टम मे अपनाते हुए नई निवदाओं को बुलाया, जिसके परिणाम स्वरूप 30% कम रेट पर 257 कंपनियों ने काम करने की सहमति प्रदान की। पहले ऑनलाइन टेंडर नहीं होता था यही तीन-चार कंपनियां मिल बाँटकार पूरा ठेका लेते थे, अब यह सिस्टम बंद हो गया हे |

सीईओ राजेश सिंह राणा ने कठोर आदेश देते हुए जिओ सिस्टम को भी बदल दिया है अब जब तक बोरवेल में पानी नहीं होगा सोलर टंकियां का भुगतान नहीं होगा, पहले तो इन कंपनियों के हाथ में ही जिओ सिस्टम होता था। अब उसे छीनकर इन्होंने गवर्नमेंट की कंपनी को दे दिया है, जिससे इन ठेकेदारों के पेट में भारी दर्द है और फर्जी भुगतान कराने में अब असफल हो रहे हैं।

बता दें, वर्तमान में साय सरकार के कार्यकाल में आजादी के बाद क्रेडा के विकास कार्यों से छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र अब रौशन हो रहे है। पहले जहां शाम के बाद लाइट का पता नहीं रहता था, अब वहां ग्रामीण सौर ऊर्जा के लाभ से लाभांवित हो रहे है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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