रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शराब दुकानों की व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। बताया गया है कि जिस जगह पर देशी और विदेशी दो अलग शराब दुकानें हैं, उन्हें एक करके कंपोजिट दुकान बनाई जाएगी। इस तरह एक दुकान अतिरिक्त होगी। इस दुकान को उस जगह खोला जाएगा जहां अभी दुकान नहीं है। इसके साथ ही राज्य दुकान नहीं है। इसके साथ ही राज्य सरकार के निर्णय के मुताबिक 67 नई शराब दुकानें भी शुरू की जाएंगी, जहां अब तक शराब उपलब्ध नहीं है। इसके लिए भी जिला स्तर पर तैयारियां की जा रहीं हैं।

जिला स्तर पर कवायद तेज :
राज्य में नई शराब दुकानें खोलने और युक्तियुक्तकरण के सिलसिले में सभी जिलों में जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां की जा रहीं हैं। इस प्रक्रिया का एक बड़ा हिस्सा कंपोजिट शराब दुकानें बनाया जाना है। दरअसल राज्य के कई जिलों में एक ही स्थान पर देशी और विदेशी शराब की दो अलग-अलग दुकानें हैं। इन दुकानों को जोड़कर एक दुकान बनाया जा रही है। इस तरह एक दुकान अतिरिक्त होगी। इस अतिरिक्त दुकान को जिले में ही किसी ऐसी जगह खोला जाएगा जहां अब तक शराब उपलब्ध नहीं है। आबकारी सूत्रों की मानें तो नई शराब दुकानें वहां खोली जाएंगी, जहां से ये शराब दुकान खोलने की मांग सामने आ रही है।

67 नई दुकानें खोलने की तैयारी :
राज्य सरकार के मंत्रिपरिषद ने पिछले दिनों हुई एक बैठक में राज्य में 10 प्रतिशत नई दुकानें खोलने की मंजूरी दी है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में शराब दुकानों की कुल संख्या 674 है। इस हिसाब से 67 नई दुकानें खोली जानी हैं। इस संबंध में जिलों में जिला प्रशासन द्वारा नई दुकानें खोलने की तैयारी में स्थल का चयन किया जा रहा है। प्रदेश में इस समय देशी शराब की दुकानें 166 हैं। कंपोजिट दुकान जहां देशी और विदेशी एक साथ बिकती है उनकी संख्या 240 है। इसी प्रकार बड़े शहरों में मंहगी दरों पर बिकने वाली शराब दुकानें चल रहीं है। इन्हें प्रीमियम शराब दुकान कहा जाता है। इनकी संख्या 29 है। इसी क्रम में विदेशी शराब दुकानों की संख्या की बात की जाए तो राज्य में इनकी संख्या 239 है। इस तरह कुल मिलाकर इन शराब दुकानों की संख्या 674 होती है। 1 अप्रैल के बाद से कुल शराब दुकानों में 67 नई शराब दुकानें भी शामिल हो जाएंगी।

11 हजार करोड़ का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल :
राज्य सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए शराब से 11 हजार करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा था। जानकार उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रदेश में अब तक 9 हजार 800 करोड़ रुपयों का राजस्व मिल सकता है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अभी एक हफ्ता ही बाकी है। ऐसे में 11 हजार करोड़ का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार नए वित्तीय वर्ष 2025-26 में शराब से राजस्व का लक्ष्य 13 हजार करोड़ रुपए रखा गया है। प्रदेश में नई शराब दुकानें खुलने और जहां शराब उपलब्ध नहीं है वहां भी शराब की उपलब्धता करवाकर यह लक्ष्य पूरा करने का प्रयास नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन से शुरू हो जाएगा।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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