रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। सेंट्रल जीएसटी की टीम ने दुर्ग के एक कारोबारी को 10 करोड़ 38 लाख 83 हजार रुपए टैक्स चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कारोबारी पर आरोप है कि वह अपनी पत्नी के नाम पर फर्म खोल फर्जी चालान पेश कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले रहा था। कारोबारी पर यह भी आरोप है कि उसने टैक्स जमा करने से बचने एक और फर्जी कंपनी खोलकर टैक्स चोरी की।

सेंट्रल जीएसटी की टीम ने टैक्स चोरी करने के आरोप में विनय कुमार टंडन को गिरफ्तार किया है। विनय अपनी पत्नी के नाम से ओविया ट्रेडर्स नामक फर्म का संचालन कर रहा था। टैक्स चोरी के मामले में चालान का मूल्य 70 करोड़ रुपए है। सेंट्रल जीएसटी की टीम ने कारोबारी को बिना माल या सेवाओं की आपूर्ति के फर्जी चालान के माध्यम से आईटीसी का लाभ उठाते हुए और उसे पास करते हुए पाया। इस वजह से कारोबारी की गिरफ्तारी की गई। उक्त कार्रवाई सेंट्रल जीएसटी के प्रधान आयुक्त राकेश गोयल के दिशा-निर्देश में की गई।

सेंट्रल जीएसटी की टीम ने कारोबारी के व्यापार के बारे में खुफिया जानकारी एकत्रित कर लेन-देन का डेटा एनॉलिटिक्स की पड़ताल की, जिसमें आपूर्तिकर्ताओं के बैंक स्टेटमेंट और करदाता के ई-वे बिल डेटा और अन्य वित्तीय लेनदेन की जांच करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी फर्जी बिल के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने और उसे पास कराने में लिप्त था। साथ ही करदाता की आगे की जांच से यह भी पता चला कि कारोबारी के पास पहले से ही अपने नाम पर जीएसटी पंजीकरण था, जहां उसे 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान करना था, जिसका कभी भुगतान नहीं किया गया और बकाया राशि का भुगतान करने के बजाय आरोपी ने धोखाधड़ी करने के लिए अपनी पत्नी के नाम पर एक और जीएसटी पंजीकरण कराया।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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