बालोद/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश का बालोद जिला हमेशा किसी न किसी मामले पर सुर्खियों में बना रहता है। एक बार फिर बालोद जिला सुर्खियों में हैं और इस बार इसकी वजह है “कला केंद्र भवन”। जी हाँ, जिन विधाओं को सिखने और उनमें पारंगत होने के लिए नगर के युवाओं को बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था, अब वे सारी सुविधाएं युवाओं को स्थानीय स्तर पर सुलभ होगी। कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के इस कार्य को मुख्यमंत्री ने भी सराहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विगत दिनों बालोद नगर के हृदय स्थल पर स्थित “कला केंद्र” का शुभांरभ किया था और यहां विद्यार्थियों और युवाओं के साथ कुछ पल भी बिताया था।

कला केन्द्र जैसी बहु उद्देशीय संस्था की यहां बहुत पहले की मांग थी, जो अब साकार हुआ। जिला प्रशासन ने युवाओं की मांग को दृष्टिगत करते हुए जिला खनिज न्यास निधि मद से 45 लाख 93 हजार रूपए की लागत से कला केन्द्र की कार्ययोजना बनाई और इसे अमलीजामा पहनाते हुए इसका निर्माण किया गया। नगर के तहसील चौक पर इसकी स्थापना की गई है। कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने पुराने जर्जर शासकीय भवन जहां कभी लोक निर्माण विभाग और महिला बाल विकास विभाग का कार्यालय संचालित होता था, उस जर्जर भवन की मरम्मत करवाकर उसकी सूरत ऐसे बदली की लोग कला केंद्र भवन को देखने रोजाना सपरिवार पहुंच रहे है।

कला केन्द्र के समन्वयक ने बताया कि वर्तमान परिवेश में रोजगार एवं व्यक्तित्व विकास वाली विभिन्न विधाओं पर आधारित पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। बालोद जिले के युवाओं में कला केंद्र के खुलने से उत्साह भी नजर आ रहा है और लगातार कला के प्रति समर्पित बच्चे कला केंद्र में रजिस्ट्रेशन करा रहें हैं और लोग कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के इस कार्य को सराहनीय कदम बता रहें हैं। उन्होंने चंद दिनों में ही बालोद जिले की सूरत बदल डाली। जहां कभी सन्नाटा पसरा रहता था, वहां अब युवाओं की भीड़ नजर आ रही है। कलेक्टर के इस कदम से जिले के लोगों की अपेक्षाएं और बढ़ गई है कि चंद दिनों में बालोद की यह सूरत हो गई है तो अब आगे और क्या-क्या होने वाला है।
