मुंबई/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। शनिवार (24 सितंबर) की देर रात को मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से मिलने वर्षा बंगले पर पहुंचे, उनके साथ उनके बेटे अनंत अंबानी भी थे। करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई, किस बात पर चर्चा हुई इसको लेकर काफी गोपनीयता बरती गई है। आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है, लेकिन इस मुलाकात के पीछे खास बात यह है कि ठीक दो दिनों पहले दुनिया के तीसरे नंबर के अरबपति गौतम अडानी शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने उनके मुंबई के बांद्रा में स्थित मातोश्री निवास पर पहुंचे थे। जिस तरह राजनीति में सीएम शिंदे और उद्धव ठाकरे एक दूसरे के प्रतिस्पर्द्धी हैं उसी तरह अडानी और अंबानी में भी जबर्दस्त कंपटीशन है। हालांकि दोनों ने आपस की खटास मिटाने के लिए फिलहाल नो पोचिंग एग्रीमेंट कर लिया है। इसके तहत एक ग्रुप के कर्मचारियों को दूसरा ग्रुप नौकरी नहीं देगा, जब से अडानी ग्रुप ने पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में निवेश का मन बनाया है, तब से इस क्षेत्र के सबसे बड़े प्लेयर अंबानी ग्रुप को एक तरह से झटका लगा है। इसलिए भी अडानी-ठाकरे मुलाकात के बाद अंबानी-शिंदे चर्चा की वजह को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है।
देर रात मिलने में जरूर कोई बात है, बड़ी मुलाकात है :
करीब आधी रात में मुकेश अंबानी अपने बेटे अनंत अंबानी के साथ मुख्यमंत्री के मालाबार हिल स्थित वर्षा बंगले से बाहर निकले। मुलाकात का वक्त भी देर रात शायद इसीलिए चुना गया ताकि वे कैमरों की नजरों से ज्यादा से ज्यादा बच सकें और इस मुलाकात की बहुत ज्यादा चर्चा ना हो।
मुंबई का धारावी विकास प्रोजेक्ट, दोनों का लगा स्टेक?
राज्य में सत्ता बदलते ही उद्धव ठाकरे के हाथ से सारे अधिकार चले गए, शिवसेना भी पहले कभी इतनी कमजोर नहीं हुई जितनी आज हो गई है। ऐसे वक्त में भी गौतम अडानी आखिर उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री क्यों गए? कई लोगों के जेहन में यह सवाल उठा था। एक बात जो अब छन-छन कर मीडिया रिपोर्ट्स मं सामने आ रही है, वो यह कि इसका संभावित कारण धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट हो सकता है।
इन्हें विकास दिखाना है, उन्हें बिजनेस चमकाना है :
दो दिनों पहले ही उद्धव ठाकरे ने गोरेगांव के नेस्को कंपाउंड की अपनी सभा में यह कहा था कि धारावी देश का बिजनेस सेंटर बने, यह शिवसेना का मकसद है। यह सपना शिवसेना साकार करके रहेगी, इसी दिन अदानी-ठाकरे मुलाकात हुई थी। ठाकरे के नेतृत्व वाली आघाड़ी सरकार के वक्त धारावी पुनर्विकास को लेकर तीन मीटिंग्स हुई थीं। उस वक्त यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप को मिलने की चर्चा थी। इसके बाद सरकार बदल गई और अब शिंदे सरकार है। मुकेश अंबानी और सीएम शिंदे की मुलाकात के पीछे कहीं यही प्रोजेक्ट कब्जाने की मंशा तो नहीं? बीएमसी का चुनाव नजदीक है। पार्टियों को डेवलपमेंट का गाना गाना है, उद्योगपतियों को बिजनेस चमकाना है।