रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में आधार कार्ड से जुड़ी सेवाओं में 15 जुलाई 2025 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब आधार कार्ड बनवाने या अपडेट कराने के लिए नागरिक च्वाइस सेंटरों का रुख नहीं कर सकेंगे। केंद्र और राज्य सरकार के नए निर्देशों के तहत सभी आधार सेवाएं अब केवल सरकारी लोक सेवा केंद्रों पर ही उपलब्ध होंगी।

रायपुर में फिलहाल 44 से अधिक च्वाइस सेंटर संचालित हैं, जहां नागरिक अपनी सुविधा अनुसार आधार से जुड़ी सेवाएं लेते आए हैं। लेकिन 15 जुलाई से ये सभी केंद्र आधार सेवाएं देना बंद कर देंगे। इसके बाद केवल कलेक्टोरेट, नगर निगम मुख्यालय और छह जोन कार्यालयों समेत कुल 9 सरकारी केंद्र ही आधार कार्ड बनाने या अपडेट करने के लिए अधिकृत रहेंगे।

श्याम प्लाजा, पंडरी में एक निजी कंपनी को सेवाएं देने की अनुमति दी गई है, लेकिन वहां सेवाओं के लिए शुल्क देना अनिवार्य होगा। नई व्यवस्था से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन नागरिकों को जो दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं या जिनकी दिनचर्या व्यस्त होती है। सीमित सरकारी केंद्रों पर बढ़ती भीड़, लंबी प्रतीक्षा और बार-बार दस्तावेजों के साथ लौटने की संभावनाएं इस बदलाव को चुनौतीपूर्ण बना सकती हैं।

अब आधार सेवाओं का पूरा प्रबंधन चिप्स के अंतर्गत आ गया है। पहले यह जिम्मेदारी NIC हैदराबाद के पास थी। अब आईडी अलॉटमेंट, ब्लॉकिंग, सर्वर समस्याएं और तकनीकी सुधार का काम चिप्स द्वारा किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तकनीकी समस्याएं आती हैं, तो उनका समाधान करने में समय लग सकता है, जिससे नागरिकों को असुविधा हो सकती है।

हालांकि सरकार का दावा है कि इस व्यवस्था से डेटा की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था में मजबूती आएगी, लेकिन नागरिक सुविधा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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