जयपुर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अध्यक्ष पद की रेस से खुद को बाहर करने का फैसला किया था। सोनिया से मुलाकात के बाद उन्होंने माफी भी मांगी और अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। गहलोत, जब सोनिया गांधी से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे तो कहा जा रहा है कि वो अपनी पूरी तैयारी के साथ गए थे। उन्होंने बकायदा एक नोट तैयार किया था, जिसे सोनिया गांधी के साथ प्रेजेंट किया और बाद में मीडिया के सामने माफी भी मांगी। मलयाला मनोरमा के फोटोग्राफर जे सुरेश ने एक तस्वीर कैप्चर की, जिसमें गहलोत के हाथों में कुछ चिट-शीट दिख रही है, जो माना जा रहा है कि उन्होंने सोनिया गांधी के साछ बैठक में उठाए थे। तस्वीर से माना जा रहा है कि गहलोत के हाथों में चिट-शीट छोटे प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के खिलाफ एक तरह के आरोपपत्र है। कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत सिर्फ इसलिए दिल्ली आए थे, ताकि वो सचिन पायलट को कुर्सी तक पहुंचने से रोक सके। गहलोत के लिए शुरू से ही खबर चल रही थी कि वो अपनी कुर्सी पायलट को नहीं देना चाहते।
10-50 करोड़ का दिया ऑफर :
सोनिया गांधी के साथ बैठक में गहलोत ने पायलट के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं। चिट-शीट के मुताबिक “एसपी प्लस 18 के मुकाबले 102 विधायकों का समर्थन” जिससे माना जा रहा है कि पायलट कांग्रेस छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार थे। गहलोत ने संभवत: आरोप लगाया है कि पायलट ने बीजेपी के साथ मिलकर राज्य कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश रची थी। बताया जा रहा है कि इसके लिए विधायकों को 10-50 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी।
गहलोत के पायलट पर गंभीर आरोप :
तस्वीर के मुताबिक गहलोत ने सोनिया गांधी को कहा कि “जो हुआ बहुत दुखद है, मैं भी बहुत आहत हूं।” उन्होंने कहा कि “राजनीति में हवा बदलते देख साथ छोड़ देते हैं, यहां ऐसा नहीं हुआ।” तस्वीर के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि “एसपी पार्टी छोड़ देगा – ऑब्जर्वर पहले सही रिपोर्ट देते तो पार्टी के लिए अच्छा होता” आगे सचिन पायलट के बारे में यह भी कहा गया है कि “पहले प्रदेश अध्यक्ष जिसने सरकार गिराने की कोशिश की।”