हल्दी को आयुर्वेदिक चमत्कार कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यह लगभग हर भारतीय रसोई की शान है और सदियों से घाव भरने, इम्यूनिटी बढ़ाने, त्वचा निखारने और सूजन कम करने जैसी समस्याओं में इसका उपयोग होता आ रहा है.आपने इसके फायदे तो खूब सुने होंगे. लेकिन क्या आप इसके नुकसानों के बारे में भी जानते हैं? कुछ लोगों को हल्दी से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती है. आइए जानते हैं किन परिस्थितियों में हल्दी हानिकारक हो सकती है.
गर्भवती महिलाएं
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है. गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक मात्रा में हल्दी, विशेषकर कच्ची हल्दी या सप्लीमेंट के रूप में लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है.
ब्लड थिनर लेने वाले मरीज
हल्दी में प्राकृतिक रक्त पतला करने वाले गुण होते हैं। यदि आप पहले से ब्लड थिनर दवाएं ले रहे हैं, तो हल्दी के साथ इनका सेवन आपके शरीर में खून बहने का जोखिम बढ़ा सकता है.
पित्त की पथरी या गॉलब्लैडर की समस्या
हल्दी बाइल प्रोडक्शन को बढ़ाती है, जो गॉलब्लैडर की समस्या वाले लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे दर्द, सूजन या असहजता बढ़ सकती है.
डायबिटीज के मरीज
हल्दी ब्लड शुगर को कम करने में मदद करती है, लेकिन डायबिटीज के मरीज अगर दवाएं ले रहे हों और साथ में अधिक मात्रा में हल्दी लें, तो ब्लड शुगर खतरनाक रूप से कम हो सकता है, जिससे चक्कर आना, थकावट और बेहोशी जैसी समस्या हो सकती है.
एलर्जी या त्वचा संवेदनशीलता वाले लोग
कुछ लोगों को हल्दी से स्किन एलर्जी, खुजली, लाल चकत्ते या सूजन हो सकती है. ऐसे लोगों को हल्दी युक्त फेस पैक या खाद्य पदार्थों से सावधान रहना चाहिए.
हल्दी भले ही प्राकृतिक हो, लेकिन हर प्राकृतिक चीज हर शरीर के लिए उपयुक्त नहीं होती. हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में और सही परिस्थिति में किया जाए तो यह औषधि के समान कार्य करती है, लेकिन गलत व्यक्ति या मात्रा में यह शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकती है.