भागलपुर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। बलात्कार के आरोप में सजा से बचने के आरोपी और उसके पिता ने ऐसा तरीका अपनाया जिसे आपने फिल्मों में देखा होगा लेकिन असलियत में जब इसी तरीके को अपनाया गया तो जानकर हर कोई हैरान हो गया। झूठी साजिश का खुलासा हुआ तो रेप का आरोपी भागलपुर के कोर्ट में आत्मसमर्पण करने पहुंचा। मामला बिहार के भागलपुर जिला से जुड़ा है जहां फिल्मी अंदाज में ये ड्रामा चला।

दरसअल, पीरपैंती थाना क्षेत्र के इशीपुर बराहाट निवासी शिक्षक नीरज मोदी ने साल 2018 में गांव के ही एक नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। जब घर पर पुलिस की दबिश पड़ी तो सजा से बचने के लिए उसने खुद की मौत का झूठी साजिश रची। इस झूठी साजिश में नीरज मोदी के पिता राजाराम मोदी ने अपने बेटे का भरपूर साथ दिया। राजाराम मोदी ने अपने बेटे नीरज मोदी को सजा से बचाने के लिए मौत की झूठी साजिश रची और नीरज मोदी को मुर्दा साबित कर दिया। आरोपी के पिता ने अपने जिंदा बेटे को चिता पर लिटाकर फोटो खिंचवाई और लकड़ी खरीदने का बिल बनाया।

उस लकड़ी खरीदने के बिल को आधार बनाते हुए जिंदा बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और मृत्यु प्रमाण पत्र को भागलपुर कोर्ट में पेश कर आरोपी को मरा हुआ सबित कर केस रफा-दफा कर दिया। कोर्ट ने भी आरोपी को मरा हुआ समझकर केस की फाइल को बंद कर दी गई। उधर पीड़िता की मां अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दिनरात सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटती रही। पीड़िता की मां को यह शक था कि आरोपी अभी जिंदा है। पीड़िता की मां ने आरोपी द्वारा बनाए गए मृत्यु प्रमाण पत्र को गलत बताते हुए बीडीओ से शिकायत की, जिसके बाद इस मामले को लेकर जांच बिठाई गई।

जांच में मृत्यु प्रमाण पत्र गलत पाया गया, जिसके बाद बलात्कार के आरोपी के पिता के ऊपर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया। मौत की झूठी साजिश और पिता के जेल जाने के बाद बलात्कार के आरोपी नीरज भागलपुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। इस घटना को लेकर पूरे भागलपुर जिले के लोग सकते में हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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