दुर्ग/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश में एक नवम्बर से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है। वहीं दुर्ग जिले के एक धान खरीदी केंद्र में भीषण आग लग गई। जिसमें 25 हजार से अधिक बारदाने जलकर खाक हो गए। यह घटना पाटन क्षेत्र की है। जिसकी सूचना खरीदी केंद्र के चौकीदार ने ग्रामीणों और समिति प्रबंधक को दी। तब जाकर आग पर काबू पाया गया। हर साल बारदाने के संकट को देखते हुए, इस बार खरीदी केंद्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन अग्नि सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने से इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं।
पाटन क्षेत्र के धान खरीदी केंद्र के गोदाम में लगी आग :
आज तड़के सुबह करीब 3 बजे पाटन के सेवा सहकारी समिति सोरम के गोदाम में आग लगने की घटना सामने आई। चौकीदार ने आग लगने की सूचना समिति प्रबंधक और अध्यक्ष सन्तोष वर्मा को दी। जिसके बाद दमकल और पुलिस को इसकी सूचना दी गई। ग्रामीणों ने दमकल के आने से पहले की पानी से आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन बारदाने की वजह से लोग अंदर तक नहीं पहुंच सके। जिसके बाद मौके पर पहुँचे दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया।
हजारों बारदाने, चना व गेंहू के बीज जलकर खाक :
इस आगजनी की घटना में सोसाइटी के अंदर रखे करीब 25000 नए वह पुराने बार दाने जलकर खाक हो गए है। इसके अलावा यहां रखें चना वा गेंहू के बीज भी खराब होने के खबर है। अध्यक्ष संतोष वर्मा ने बताया कि इस घटना में हजारों की संख्या में बार दाने जलकर खाक हो गए हैं। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। क्योंकि धान खरीदी का कार्य शुरू हो चुका है । इसलिए अब खाद्य विभाग से नए बार दानों की मांग विभाग से की जाएगी।
शॉर्ट सर्किट से आग लगने का अनुमान :
अध्यक्ष ने बताया कि खरीदी केंद्र में बाद आने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वहीं रोज की तरह सोसाइटी के कर्मचारियों ने करीबन शाम 7 बजे गोदाम में ताला लगाया था। लेकिन आग कैसे लगी यह समझ से परे है। अग्निशमन कर्मियों ने बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और सभी अधजले बारदानों को बाहर निकाला गया। वहीं दमकल कर्मियों के अनुसार प्रथम दृष्टया शार्ट सर्किट को आग का कारण बताया जा रहा है।
खरीदी केंद्रों में नहीं रखे गए अग्नि सुरक्षा यंत्र :

इस तरह की घटनाएं खरीदी केंन्द्रों में पहले भी हो चुकी है। लेकिन सुदूर ग्रामीण इलाकों के खरीदी केंद्रों में आगजनी से बचने के लिए सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए हैं। खरीदी केंद्रों में प्रशासन द्वारा किसानों को हर साल होने वाले बारदाने के संकट से बचाने के लिए पर्याप्त बारदाने तो उपलब्ध कराए गए है। लेकिन इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सभी खरीदी केंद्रों में अग्निशमक यंत्र अथवा रेत की व्यवस्था नहीं होने से किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।