नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। देश में कामकाजी महिलाएं वर्कप्लेस पर यौन शोषण का शिकार होती रही हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि जॉब करने वाली महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित 10 राज्यों में 8 हिंदीभाषी राज्य शामिल हैं, जबकि दक्षिण भारत के केवल दो राज्य शामिल हैं। देश के विभिन्न राज्यों से वर्क प्लेस पर यौन शोषण की कुल 70.17 लाख शिकायतें की गई हैं। रिपोर्ट शर्मिंदा करनेवाली है, लेकिन जानना जरूरी है।
केंद्रीय मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, कामकाजी महिलाओं के लिए दिल्ली की स्थिति सबसे बुरी है। दिल्ली के बाद पंजाब और गुजरात सबसे ज्यादा असुरक्षित है। इसके बाद आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है। दफ्तर में महिलाओं की इज्जत तार-तार हो रही है। इसमें हिंदीभाषी राज्यों की स्थिति बुरी है। टॉप के 5 राज्यों के बाद क्रमश : झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, बिहार और मध्य प्रदेश का नंबर आता है। राहत की बात ये है कि लक्षद्वीप, पुडुचेरी, सिक्किम, त्रिपुरा, दादरा नगर हवेली में ऐसी शिकायतें नहीं आई हैं या फिर न के बराबर है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, देश की टॉप 100 कंपनियों में यौन शोषण के मामले बहुत ज्यादा हैं। 2019-20 में Metoo कैंपेन के दौरान 999 शिकायतें सामने आई थीं। 2020-21 में 595 शिकायतें सामने आई थीं, जबकि 2021-22 में 759 शिकायतें आईं।
शर्मिंदा करने वाला एक तथ्य ये भी है कि 50 फीसदी महिलाएं अपने करियर में कम से कम एक बार यौन शोषण की शिकार हुईं हैं, जिनमें से 55 फीसदी महिलाएं शिकायत के लिए हिम्मत नहीं जुटा पाईं।