नई दिल्ली/रायपुर। द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव आज शुक्रवार को हो रहे हैं। सुबह 9 बजे से वोटिंग शुरू है। हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीटों पर एक करीबी मुकाबले की उम्मीद है। जबकि 15 राज्यों के कुल 57 राज्यसभा सीटों में से 41 उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया है। बाकी बचे 16 सीटों के लिए आज वोटिंग होगी क्योंकि उम्मीदवारों की संख्या सीटों से अधिक है।
महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया चल रही है। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस विधान भवन पहुंच चुके हैं। इधर, कैबिनेट मंत्री नितिन राउत ने कहा कि हमारी जीत सुनिश्चित है। पिछले ढाई साल में महा विकास आघाड़ी ने काम किया है और उसका परिणाम आज दिखेगा। राजस्थान के चार राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग की प्रक्रिया जारी है। बीजेपी और कांग्रेस के विधायक विधानसभा भवन पहुंच गए हैं। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष महेश जोशी ने कहा, “हमारे पास 126 विधायकों का आंकड़ा है। हर कोई एकजुट है। मुख्यमंत्री खुद मतदान पर्यवेक्षक होंगे। सभी विधायकों को मतदान से पहले सीएम को अपना वोट पर्चा दिखाना होगा। दूसरे पोल ऑब्जर्वर गोविंद सिंह डोटासरा हैं, जो स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे।
हरियाणा के दो राज्यसभा सीटों के लिए मतदान शुरु हो गया है। विधायकों का विधानसभा भवन पहुंचने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में कांग्रेस से नाराज विधायक कुलदीप बिश्नोई भी पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनूंगा। बता दें कि हरियाणा राज्यसभा चुनाव में पहली सीट जीतने के लिए 31 और दूसरी के लिए 30 विधायक वोटों की आवश्यकता है। इसका मतलब है कि बीजेपी उम्मीदवार को 31 वोट चाहिए और कांग्रेस उम्मीदवार को 30 वोट चाहिए। बीजेपी के पास 40 विधायक हैं, इसलिए वो एक सीट आराम से जीत सकती है। जबकि कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं। ऐसे में बिश्नोई वोट न भी दें तो भी माकन सुरक्षित हैं।
महाराष्ट्र की 6, राजस्थान और कर्नाटक की 4-4 और हरियाणा की 2 सीट के लिए आज मतदान होना है। महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा में पार्टियों को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है। राज्यसभा की 57 में से 41 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। यूपी में सभी 11, तमिलनाडु में 6, बिहार में 5, आंध्र प्रदेश में 4, मध्य प्रदेश और ओडिशा में 3-3, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना और झारखंड में 2-2 और उत्तराखंड में 1 उम्मीदवार बिना किसी चुनाव के निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 14 बीजेपी, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के 4-4 प्रत्याशी हैं। डीएमके और बीजेडी के 3-3, आम आदमी पार्टी, राजद, टीआरएस, अन्नाद्रमुक के 2-2, झामुमो, जेडीयू, सपा और रालोद के 1-1 नेता और निर्दलीय कपिल सिब्बल निर्विरोध निर्वाचित सदस्यों में शामिल हैं।
राज्यसभा को समझिए : राज्यसभा का गठन देश में साल 1954, 23 अगस्त को किया गया था। गठन का मकसद था एक स्थायी सदन का होना। जिस तरह लोकसभा भंग हो सकती है उस तरह राज्यसभा भंग नहीं होती क्योंकि इसे स्थाई सदन माना गया है। राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल भी चुने हुए सांसदों से एक साल ज्यादा यानी छह साल का होता है। संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 250 हो सकती है। इन 250 में से 238 सदस्य किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से चुने जाते हैं। शेष 12 सदस्य देश के कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकते हैं। जिन्हें राष्ट्रपति नामित करते हैं।
चयन प्रक्रिया को समझने के लिए आपको +1 का फॉर्मूला समझना जरूरी होगा। इस प्रक्रिया को समझने के लिए हम उत्तर प्रदेश का उदाहरण लेते हैं। उत्तर प्रदेश में इस बार 11 सीटों पर राज्यसभा सदस्य चुने जाने हैं। इस बार यूपी के लिए जीत का फॉर्मूला कुछ इस तरह का होगा। 403/ [11+1 = 34 यानी जीत के लिए एक उम्मीदवार को 34 वोटों की जरूरत होगी।
उच्च सदन में डीएमके की 10 की मौजूदा ताकत बनी रहेगी। लेकिन एआईडीएमके की सीटें 5 से घटकर 4 रह जाएंगी। चिदंबरम के निर्वाचन के साथ कांग्रेस के पास लंबे समय के बाद राज्यसभा में तमिलनाडु से 1 सदस्य होगा। चिदंबरम 2016 में महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है। बिहार के सभी पांच प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं। इनमें मीसा भारती और फैयाज अहमद (आरजेडी), सतीश चंद्र दुबे और शंभू शरण पटेल (बीजेपी) और खीरू महतो (जेडीयू) शामिल हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती और सतीश चंद्र दूसरी बार राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए।