कोरबा/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर से लगे रिसदी में चार भाई बहन बेहोश हो गए। खाना खाने के बाद कमरे का दरवाजा बंद कर सोने के बाद थोड़ी देर में चारों बेहोश हो गए। कमरे के भीतर जल रहे कोयले की सिगड़ी से निकलने वाली जहरीली गैस ने चोरों को चपेट में ले लिया। बाद में चारों भाई बहन को उपचार मेडिकल कॉलेज संबंद्ध जिला अस्पताल में चल रहा है। जहां सभी की हालत खतरे से बाहर है।

जानकारी के अनुसार, घटना बीती रात की है। नकटीखार निवासी राजकुमार की पत्नी की मौत हो चुकी है। राजकुमार रोजी-मजदूरी कर चार बच्चों का भरण पोषण करता है। उसने बच्चों की पढ़ाई के लिए रिसदी में किराये का मकान लिया है। बड़ी बेटी कुमारी दुर्गा कक्षा 11 वीं में पढ़ती है। छोटी बहन दुर्गेश्वरी कक्षा 10वीं, कुमारी किरण 8वीं और छोटा भाई दुर्गेश 7वीं का छात्र है। चारों भाई-बहन हर दिन की तरह बीती रात भोजन करने के बाद सो गए। थोड़ी देर बाद अचानक दुर्गा और दुर्गेश्वरी को उलटी होने लगी। किरण और दुर्गेश को बेहोशी छाने लगी। देखते ही देखते उनकी हालत बिगड़ गई।

जल्दी से पिता को सूचना दी गई। तुरंत पिता राजकुमार घर पंहुचे और किसी तरह दरवाजा खोल कर चारों बच्चो को बेहोशी की हालत अस्पताल ले गए। सभी को संजीवनी एक्सप्रेस एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल में दाखिल कराया। कुछ देर बाद बच्चों की हालत में सुधार होने पर पूछताछ की गई तो पता चला की बच्चों ने सिगड़ी में कोयला जलाकर भोजन तैयार किया था और सिगड़ी को भीतर रख दरवाजा बंद कर सो गए। आशंका है कि कोयले की आग से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड नामक जहरीली गैस के कारण बच्चों की हालत बिगड़ गई।

कोयला वाली गैस की चपेट में आकर इससे पहले भी कोरबा में घटना हो चुकी है। शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने निगम प्रयास कर रहा है। लोगों को कोयले का उपयोग नहीं करने और समय-समय पर जागरूक किया जाता है। लोग बावजूद इसके ठंड से बचाव के चक्कर में इस तरह के हादसों का शिकार हो रहे है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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