पटना/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। दरअसल, मढौरा के मिर्जापुर के एक पिअकप ड्राइवर 22 वर्षीय विश्वजीत भगत को पटना के बख्तियारपुर थाना के चंपापुर गांव की एक युवती आरती से प्रेम हो गया, प्रेम परवान चढ़ा तो दो माह के भीतर ही दोनों ने 30 अक्टूबर को शादी रचा ली, और दोनों राजी खुशी से रहने लगे। मगर, शादी के 53 दिनों बाद कहानी में तब एक नया मोड़ आया। जब आरती के पहले प्रेमी की शादी की सूचना मिली। प्रेमी अभिराज ने आरती से फोन पर बात की। आरती की सहमति के बाद 24 वर्षीय अभिराज अपनी प्रेमिका से मिलने उसके ससुराल पहुंच गया।

इसके बाद आरती ने अपने पहले प्रेमी के साथ भागने का निर्णय लिया और घर से निकल गई। पति को आरती के भागने की खबर मिलते ही उसने खोजबीन शुरू की और दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया, जिसके बाद पूरे गांव में हंगामा मच गया। गांव में पंचायत बैठी और देर रात तक गांव में पंचायत चली पंचायत के लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि लड़की जिससे प्रेम करती है, उसके साथ ही उसे रहना चाहिए। पंचायत के लोगों ने कहा कि इसका फैसला हमें आरती पर छोड़ देना चाहिए कि वह जिसके साथ रहना चाहे, पंचायत में बता सकती हैं।

सभी को वह फैसला मानना चाहिए। जब ग्रामीणों ने बैठकर आरती से उसका विचार पूछा तो आरती अपने मां से लड़ बैठी और पति के साथ ही रहने की बात करने लगी और पूरी घटना पर मां को ही खलनायक बताने लगी, लेकिन जब ग्रामीणों ने सख्त तेवर जाहिर किया तब आरती मान गई और अपने पहले प्रेमी से शादी को तैयार हो गई। इसके बाद पति ने अपनी मौजूदगी में शादी की तैयारी करवाई और फिर आरती की शादी अभिराज से हो गई। विश्वजीत के घर पर ही आरती की मांग में उसके पुराने प्रेमी ने सिंदूर भरा इस दौरान पति और लड़की की मां और पति के घर वालों के साथ-साथ मौके पर काफी संख्या में ग्रामीण वाले भी मौजूद थे।

पति के घर प्रेमी के संग विवाह रचाने के बाद आरती अपने मायके के लोगों के साथ मढ़ौरा के मिर्जापुर से अपने घर वापस लौट गई और भी सभी लोग खुशी-खुशी अपने अपने घर चले गए। इस अनोखी प्रेम कहानी की चर्चा चारों ओर हो रही है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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