रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश के हाइवे में सड़क हादसों पर ब्रेक लगाने के लिए स्पीड रडार गन और इंटरसेप्टर वाहन के जरिए निगरानी होगी। पिछले 10 महीने में 10 हजार से ज्यादा हादसे होने के बाद पुलिस मुख्यालय के अधिकारी 10 स्पीड राडार गन और इंटरसेप्टर वाहन खरीदी करने की कवायद में जुटे हुए है। ताकि हाइवे से जुड़े हुए प्रत्येक जिलों को जरूरत के अनुसार आवंटित किया जा सकें। वहीं इनके जरिए लापरवाहीपूर्वक तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।

अभी हैं 7 इंटरसेप्टर और 22 स्पीड रडार :
राज्य पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि प्रतिमाह औसतन 1000 सडक़ हादसे होते है। इसमें करीब 60 राष्ट्रीय राजमार्ग में होते है। बता दें कि इस समय राज्य पुलिस के पास 7 इंटरसेप्टर और 22 स्पीड रडार वाहन है। इनके जरिए हाइवे की सडक़ों की निगरानी की जाती है।

पांच जिलों में सर्वाधिक सड़क हादसे :
राज्य के पांच प्रमुख जिले रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर राजनांदगांव और रायगढ़ में पिछले 10 महीनों में 4240 सड़क हादसे हुए है। इसमें से 2544 हादसे में हुए है। राज्य पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इन पांच जिलों से होकर ही अधिकांश हाइवे की सड़क होकर गुजरती है। इसे देखते हुए स्पीड रडार गन और इंटरसेप्टर वाहन की जरूरत महसूस की जा रही थी।

इस तरह निगरानी :
इंटरसेप्टर वाहन स्पीड रडार गन से लैस होगा। इसके जरिए 1 किमी दूरी से वाहन की रफ्तार से लेकर उसका नंबर प्लेट तक रात में देखा जा सकेगा। वहीं कम्प्यूटर के जरिए उसके गति की रफ्तार को नापा जाएगा। वहीं पाल्यूशन मशीन, ब्रेथ एनालाइजर, काली फिल्म नापने वाली मशीन, लेजर लाइट की जांच करने वाली मशीन होगी। साथ ही वाहन में प्राथमिक उपचार के लिए बाक्स भी होगा, जिससे आपात स्थिति में घायल का उपचार भी किया जाएगा।

यहां होगी तैनाती :
खरीदी करने के बाद स्पीड राडार और इंटरसेप्टर वाहन को महाराष्ट्र से ओडिशा बॉर्डर तक एनएच क्रमांक 53 के राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर और महासमुंद जिला तक। मध्यप्रदेश और झारखंड और यूपी बार्डर के एनएच क्रमांक-130 और 49 में सिमगा, बिलासपुर, कटघोरा, बिलासपुर से रायगढ़ के बीच निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा।

खरीदी होगी :
हाइवे में सड़क हादसों को देखते हुए स्पीड रडार के साथ इंटरसेप्टर वाहन की खरीदी की जा रही है। इसके लिए निविदा जारी की गई है। वाहन के मिलने के बाद इन्हें तैनात किया जाएगा।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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