बिलासपुर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। कोरोना संक्रमण फैलने पर 23 मार्च 2020 को शहर की सिटी बसों का परिचालन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद जब लॉकडाउन खत्म हुआ तो सिटी बसों का संचालन करने वाली ठेका कंपनी के मालिक की मौत हो गई। पिछले 32 महीनों से सिटी बसों का परिचालन बंद हो गया था। इसके बाद लोगों की मांग पर राज्य शासन ने सिटी बसों का परिचालन फिर से शुरू करने का निर्णय लिया था। कुछ दिनों पहले सिटी बसों के संचालन का ठेका रायपुर की सन मेबा वेंचर्स कंपनी को दिया गया है। अनुबंध के तहत ठेका कंपनी को आगामी 5 वर्षों तक शहर में सिटी बसों का संचालन करना है। वर्तमान में सिटी बसें कोनी स्थित डिपो में खड़ी हैं। निगम की ओर से इन बसों को दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया था। शुक्रवार को शहर के 6 अलग-अलग रूटों पर 8 सिटी बसों को ट्रायल के रूप में चलाया गया। नई ठेका कंपनी के चालक और परिचालकों को रूट और स्टॉपेज की जानकारी दी गई।
किस रूट में कितनी बसें चलीं :
बिलासपुर-तखतपुर 2
बिलासपुर रतनपुर 2
बिलासपुर- कोटा 1
बिलासपुर- लुतरा 1
बिलासपुर- बिल्हा 1
बिलासपुर मल्हार 1
प्रथम चरण में 45 दिन में 25 बसों के परिचालन का लक्ष्य…
8 सिटी बसों को ट्रायल के रूप में शुक्रवार को शहर के आधा दर्जन रूट पर चलाया गया है। प्रयास यही है कि 5-6 दिनों में कुछ बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाए। ठेका कंपनी के चालक और परिचालको को रूट और स्टॉपेज की जानकारी दी जा रही है। पुराने स्टॉपेज यथावत रहेंगे, लेकिन नेशनल हाईवे में बनाए गए नए स्टॉपेज में ही बसें रुकेंगी।
अनुपम तिवारी, नोडल अधिकारी सिटी बस, नगर निगम बिलासपुर :
जानकारी के अनुसार सिटी बसों के संचालन के लनिए प्रथम चरण में 45 दिनों में 25 सिटी बसों को चलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही आगामी 5-6 दिनों में शहर में करीब एक दर्जन सिटी बसों को नए रूटों पर चलाया जाएगा। जब तक किराया तय नहीं होता तब तक लोगों से पुराना तय किराया लिया जाएगा।
किराया तय नहीं, आदेश मिलते ही चलेंगी बसें :
वर्तमान में राज्य शासन ने बसों में सफर करने वाले यात्रियों के किराया तय नहीं किया है।आदेश राजपत्र में प्रकाशित होगा। इसके बाद सिटी बसों में सफर करने के लिए किराये की जानकारी लोगों को दी जाएगी। वर्तमान में सिटी बसों का परिचालन लगातार ट्रायल के रूप में होगा।
ट्रायल में यात्रियों से नहीं लिए पैसे :
सिटी बसों को शहर से बाहरी मार्गों पर चलाया गया तो पुराने बस स्टॉपेज में खड़े राहगीरों को लगा कि शहर में फिर से सिटी बसों का परिचालन शुरू हो गया है। सभी लपककर बस में बैठ गए। बसें जहां-जहां पुराना स्टॉपेज था वहां रुकते हुए आगे बढ़ती गईं। इस दौरान किसी राहगीर से पैसे नहीं लिए गए और बड़ी संख्या में लोग मुफ्त में गंतव्य तक पहुंचे।