रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। द मीडिया पॉइंट। छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया अभी ईडी की रिमांड पर हैं। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। कोल लेवी स्कैम मामले में ईडी ने 152 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। जिसमें सीएम की उपसचिव सौम्या चौरसिया की कम से कम 21 बेनामी संपत्तियां शामिल हैं। आपको बता दें, सौम्या अभी ईडी की हिरासत में हैं। जांच में पता चला है कि पिछले दो वर्षों में कम से कम 540 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। ईडी ने कहा कि हजारों हस्तलिखित डायरी और प्रवृष्टियों का विश्लेषण किया गया है, बैंक खाते के विवरण जब्त किए गए हैं। साथ ही व्हाट्सएप चैट और अभियुक्तों के बयानों के रूप में एकत्र किए गए सबूतों के साथ उनकी पुष्टि की गई है।

मुख्य आरोपी के डायरी में अहम जानकारी :
एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने कहा कि उसने अब तक कोयला लेवी घोटाले से जुड़े 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की है, जो जबरन वसूली रैकेट में मुख्य आरोपी से जब्त की गई एक डायरी में उनके नाम सामने आए हैं। उनलोगों ने मनी ट्रेल के विवरण की पुष्टि की है।

500 करोड़ से अधिक की वसूली :
ईडी ने कहा कि राज्य तंत्र की जानकारी और सक्रिय भागीदारी के बिना इस तरह की प्रणालीगत जबरन वसूली संभव नहीं था। सत्य यह है कि बिना किसी एफआईआर के यह निर्बाध रूप से चला और दो वर्षों में लगभाग 500 करोड़ रुपये जमा किए है। एजेंसी ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि सभी आरोपी व्यक्ति उच्चतम स्तर पर व्यक्तियों के निर्देशों पर एक ठोस तरीके से काम कर रहे थे, जिनके पास राज्य में मशीनरी की कमान और नियंत्रण था। ईडी जबरन वसूली रैकेट से जुड़े सभी लेन-देन की जांच कर रही है।

सिंडिकेट में प्रभावशाली लोग :
एजेंसी ने आगे दावा किया है कि इसने उस कार्य प्रणाली का खुलासा किया है, जिसमें कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई आदि जबरन वसूली सिंडिकेट के प्रभावशाली सदस्यों में हैं। इन लोगों ने बेनामी संपत्ति बनाने के लिए अपने रिश्तेदारों का इस्तेमाल किया है। भूमि सौदे न्यूनतम चेक राशि पर किए गए थे और जबरन वसूली से बड़ी मात्रा में नकदी संपत्तियों को खरीदने के लिए उपयोग की गई थी। ईडी के कुर्की आदेश के अनुसार, तिवारी के अनुसार, तिवारी कोल ट्रांसपोर्टरों और उद्योगपति से पैसे ऐंठने के ‘मुख्य गुर्गे’ थे।

रडार पर हैं कई बड़े अफसर :
जांच और धन के लेन-देन ने छत्तीसगढ़ सरकार के कई शीर्ष नौकरशाहों को ईडी के दायरे में ला दिया है, जिसमें सीएम का कार्यालय भी शामिल है। चौरसिया के बयान दर्ज किए गए हैं और एकत्र किए गए सूबतों के साथ सत्यापित किए जा रहे हैं। ईडी ने कहा कि उसने सूर्यकांत तिवारी की 65 संपत्तियां, सौम्या चौरसिया की 21 संपत्तियां, आईएएस समीर विश्वनोई की पांच संपत्तियां जब्त की गई हैं। कुल 152.3 करोड़ रुपये की चल और 91 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है। इसमें सुनली अग्रवार एक अन्य की संपत्ति भी है। सौम्या चौरसिया को छोड़कर सभी आरोपी जेल में हैं। संपत्तियों में नकदी, आभूषण, फ्लैट, कोयला वाशरी और फार्म हाउस शामिल है।

100 लोगों के बयान दर्ज :
ईडी ने इस मामले में अभी तक करीब 100 लोगों के बयान लिए हैं। जांच में पता चला कि एक बड़ी साजिश के तहत नीतिगत बदला किए गए और निदेशक खनन ने 15 जुलाई 2020 को एक आदेश जारी किया, जिसमें परिवहन परमिट जारी करने की एक मौजूदा कुशल ऑनलाइन प्रणाली को संसोधित करने के लिए कहा गया है। साथ ही एक मैनुअल परत शुरू करने के लिए कोल उपयोगकर्ताओं को मजबूर किया गया। राज्य खनन अधिकारियों से एनओसी के लिए। इस मैनुअल परमिट प्रणाली के कारण, तिवारी और उनके कर्मचारियों का इस्तेमाल ट्रांसपोर्टरों से अवैध लेवी वसूलने के लिए किया जाता था। यह वसूली परिवहन किए गए कोयले के 25 रुपये प्रति टन की दर से लगाया गया है। लेन देन के सभी विवरण आरोपियों के पास लिखित हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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