झालावाड़/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। राजस्थान के झालावाड़ जिले के महाराजपुरा में बीजेपी की जन आक्रोश रैली विवादों में घिर गई। मिली जानकारी के मुताबिक बीते शनिवार को गांव के एक सरकारी स्कूल में बीजेपी नेताओं ने रैली का आयोजन कर सभा की और कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने स्कूली बच्चों को अगले 25 साल तक बीजेपी को वोट देने की शपथ दिलाई। वहीं स्कूल में हुई राजनीतिक सभा के बाद सरकारी महकमे मे हड़कंप मच गया। मामला तूल पकड़ने के बाद गहलोत सरकार ने देर रात स्कूल के हेडमास्टर सीताराम मीणा को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए। बताया जा रहा है कि जिले के मनोहरथाना विधानसभा क्षेत्र की एक सरकारी स्कूल में बीजेपी नेताओं ने परीक्षा के दौरान राजनीतिक सभा की और कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान यात्रा का नेतृत्व प्रभारी बाबूलाल रेनवाल और मनोहरथाना से बीजेपी विधायक गोविंद रानीपुरिया कर रहे थे।

छात्रों को दिलाई बीजेपी को वोट देने की शपथ :
जानकारी के मुताबिक यात्रा में मनोहरथाना प्रधान रामकन्या बाई, मंडल अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा और बीजेपी जिला उपाध्यक्ष दिनेश मंगल समेत इलाके के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे। महाराजपुरा के उच्च प्राथमिक स्कूल में रैली के पहुंचने के बाद शाम करीब 4.30 बजे सभा शुरू हुई। बताया जा रहा है कि सभा में सभी बच्चे यूनिफॉर्म में दिखाई दिए और उनकी मौजूदगी में वहां राजनीतिक भाषण हुए और बच्चों को अगले 25 साल तक बीजेपी को वोट देने की शपथ दिलवाई गई। वहीं सभा में बीजेपी नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला बोला।

वहीं सरकारी स्कूल में किसी राजनीतिक दल की सभा होने को लेकर स्कूल हेडमास्टर सीताराम मीणा का कहना था कि सभा होने के दौरान स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी और वह स्कूल में नहीं थे। हालांकि स्थानीय कांग्रेस नेताओं का कहना है कि स्कूल में सभा की तैयारियां सुबह से ही चल रही थी।

परीक्षा के दौरान बीजेपी की सभा :
वहीं स्कूल में छात्रों की इस समय परीक्षाएं चल रही है जहां दोनों पारी की परीक्षा होने के बाद सभा का आयोजन किया गया। घटना को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने कड़ा विरोध जताया है और स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है। वहीं इस मामले पर मनोहरथाना सीबीईओ वीरेंद्र सिंह का कहना है कि ऐसा मामला हमारे ध्यान में आया है जिसके बाद हेडमास्टर​​​​​​​ सीताराम मीणा को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं इस मामले में आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं जिसके बाद विभाग की एक टीम गांव भेजी जाएगी और बच्चों और ग्रामीणों से पूछताछ कर एक रिपोर्ट तैयार होगी। सिंह का कहना है कि अगर हेडमास्टर को दोषी पाया जाता है तो उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई होगी।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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