नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। कोहरे और शीतलहर की चपेट में पूरा उत्तर भारत है। मौसम विभाग के अनुसार, अभी ये ठंड और कहर ढाने वाली है। 28 दिसंबर तक राहत के कोई आसार नहीं हैं। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब एवं चंडीगढ़ में कोहरा निरंतर कहर ढा रहा है। आज भी घने कोहरे के कारण सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा है। कई क्षेत्रों में विजिविलिटी कम होने के चलते गाड़ियों की गति पर ब्रेक लगा है। कई ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, आज उत्तर पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा एवं इससे सटे पश्चिम यूपी, उत्तर बिहार और इससे सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल पर कोहरे की परत देखी गई। इससे विजिविलिटी में कमी दर्ज की गई। अमृतसर में विजिविलिटी 200, पटियाला एवं चंडीगढ़ में 50-50, अंबाला में 25, गंगानगर में 25, चूरू में 50, बरेली में 50, पालम में 200, सफदरजंग-500, पूर्णिया में 50 दर्ज की गई। हालांकि पूर्वी यूपी के कई भागों लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में विजिविलिटी में सुधार देखा गया, यहां 1000 मीटर से ऊपर विजिविलिटी दर्ज की गई।

रेलवे द्वारा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए वक़्त-वक़्त कई प्रयास किए जाते रहे हैं। कोहरे के प्रभाव से बचे रहने के लिए रेलवे द्वारा कई प्रयास किए गए। हालांकि अब भी कई ट्रेनों की रफ्तार पर इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। आज की बात की जाए तो, 23 दिसंबर को 21 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। बता दें कि दिल्ली सहित गंगा के मैदानी क्षेत्रों में बृहस्पतिवार प्रातः भी घने कोहरे की परत छाई रही, जिससे सड़क एवं रेल यातायात प्रभावित हुआ। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि बृहस्पतिवार को 20 ट्रेनें दोपहर 1:30 से 4:30 घंटे की देरी से चलीं। हालांकि हवाई अड्डे के एक अफसर ने कहा के उड़ान संचालन अप्रभावित रहा। इसके अतिरिक्त हरियाणा और पंजाब में कई जगहों पर कोहरे की वजह से दृश्यता कम दर्ज हुई, यहां कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य सीमा से नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक, बहुत घना कोहरा तब कहा जाता है, जब दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच होती है। 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता को घना कोहरा, 201 से 500 को मध्यम और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता को हल्का कोहरा कहा जाता है। बता दें कि दिल्ली सहित देश के उत्तरी मैदानी भागों में मंगलवार को निरंतर दूसरे दिन बहुत घना कोहरा छाया रहा।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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