नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री राणा सनाउल्लाह ने तालिबान को धमकी भरे लहजे में घुसकर कार्रवाई करने का बयान दिया था। जिसके बाद तालिबान ने 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध की एक तस्वीर पोस्ट कर अटैक किया था। इसके कैप्शन में लिखा था कि अगर अफगानिस्तान में हमले की कोशिश की तो यही अंजाम होगा। अब तालिबान ने पाकिस्तान से कहा कि वह आधारहीन बातचीत और भड़काऊ विचारों से बचें।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान का इस्लामिक अमीरात पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और सभी तरह से विश्वास करता है जिससे इस लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

मत करें बयानबाजी :
बयान में मुजाहिद ने कहा कि यह खेदजनक है कि पाकिस्तानी अधिकारी अफगानिस्तान के बारे में ‘गलत बयान’ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामिक अमीरात पूरी कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान या किसी अन्य देश के खिलाफ अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल न किया जाए। उन्होंने कहा, “हम इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन पाकिस्तानी पक्ष की भी जिम्मेदारी है कि वह स्थिति को हल करे, आधारहीन बातचीत और उत्तेजक विचारों से बचें, क्योंकि ऐसी बातचीत और अविश्वास किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।

टीटीपी को निशाना बनाएंगे :
यह ताजा बयान तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में तहरीक तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की मौजूदगी के बारे में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों को खारिज करने के बाद आया है। इस्लामिक समूह ने कहा कि वह देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए तैयार है। पिछले हफ्ते, पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के अंदर टीटीपी के ठिकानों को निशाना बनाएगा। पाकिस्तान के मंत्री ने कहा था कि जब ये समस्याएं उत्पन्न होती हैं तो हम सबसे पहले अपने इस्लामिक भाई राष्ट्र अफगानिस्तान से इन ठिकानों को खत्म करने और इन व्यक्तियों को हमें सौंपने के लिए कहते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो इस्लामाबाद इन ठिकानों को निशाना बनाएगा।

भड़काऊ और निराधार करार दिया :
तालिबान के नेतृत्व वाले रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा की गई टिप्पणी को भड़काऊ और निराधार करार दिया। बयान में कहा गया है कि किसी भी मुद्दे या समस्या को समझ के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। तालिबान ने कहा कि इस तरह के आरोप दोनों पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंधों को नुकसान पहुंचाते हैं। टीटीपी तालिबान से संबद्ध है जिसने पिछले साल अगस्त में पड़ोसी अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था। कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन ने पिछले साल नवंबर में सरकार के साथ अफगान तालिबान की मध्यस्थता वाले संघर्ष विराम को खत्म करने की घोषणा के बाद से पाकिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं।

इस्लामाबाद स्थित एक थिंक-टैंक ने टीटीपी के देश के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में उभरने की ओर इशारा करते हुए कहा कि साल 2022 एक दशक से अधिक समय में पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मियों के लिए सबसे घातक महीने के साथ समाप्त हुआ। शनिवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) ने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा बलों ने 2022 के दौरान हमलों में कम से कम 282 कर्मियों को खो दिया।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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