रायपुर। द मीडिया पॉइंट। कुणाल सिंह ठाकुर। अग्रसेन महाविद्यालय में पत्रकारिता विभाग द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन “मीडिया कानूनों की जानकारी एवं महत्व” के साथ ही “मानहानि कानून तथा मीडिया” विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। आमंत्रित वक्ताओं ने कहा कि मिडिया कानूनों की जानकारी सभी पत्रकारों को होना अनिवार्य है। इसके बिना वे अपने कार्य और दायित्व से न्याय नहीं कर पाएंगे।
दूसरे दिन के सत्र आरम्भ अवसर पर अपने स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. वी.के. अग्रवाल ने कहा कि मीडिया से सम्बंधित कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है। इसके बिना पत्रकारिता सही ढंग से नहीं हो सकती। वहीँ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के पदाधिकारी आशुतोष तिवारी ने कहा कि शासन द्वारा सभी नागरिकों को निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए ही विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही निःशुल्क वकील की सलाह भी उपलब्ध कराई जाती है, क्योंकि अपने बचाव के लिए लोकतंत्र में यह सभी नागरिकों का अधिकार है।
आज के प्रथम तकनीकी सत्र में रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर में पत्रकारिता संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ संतोष कुमार ने कहा कि “मीडिया कानून की जानकारी एवं महत्व” विषय पर कहा कि मीडिया कानून का विस्तार होता जा रहा है। अब तो सूचना के अधिकार कानून (आर.टी.आई.) भी मीडिया के लिए एक उपकरण की तरह हो गया है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को अपने व्यवसाय से सम्बंधित सभी कानूनों को पढना चाहिए और इसमें समय समय पर होने वाले संशोधनों के बारे में भी जानकारी रखना चाहिए। उन्होंने सभी शोध पत्रों कि समीक्षा करते हुए उनके सर तत्वों की चर्चा भी की। आज के प्रथम सत्र में वर्धा स्थित महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ संदीप वर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
दूसरे तकनीकी सत्र में “मानहानि कानून और मीडिया” के विषय पर अपने विचार रखते हुए कुसुमताई दाबके विधि महाविद्यालय रायपुर में सहायक प्राध्यापक डॉ प्रीति सत्पथी ने कहा कि मानहानि कानून का सबसे अधिक उपयोग मीडिया में ही होता है। उन्होंने कहा कि मीडिया में मानहानि के मामले आए दिन देखने को मिलते हैं, क्योंकि सार्वजानिक जीवन में रहने वाले अनेक लोगों की भाषा में संवेदनशीलता की कमी देखी जा रही है।
आज के दोनों सत्रों की अध्यक्षता करते हुए चाणक्य लॉ अकादमी के संचालक नितिन नामदेव ने कहा कि कानून किसी भी सभी समाज का सबसे आवश्यक विषय है। इसके प्रति जवाबदेह होना सबके के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किसी भी कानून में दिए गए अधिकार पूर्ण निरपेक्ष अधिकार ही नहीं है। इसमें नागरिक के दायित्व भी अन्तर्निहित हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज का प्रमुख स्तम्भ है। इसलिए इसके प्रतिनिधियों को देश के कानूनों से परिचित होना ही चाहिए। क्योंकि उन पर सही और तथ्यपूर्ण जानकारी देने का दायित्व होता है। ऐसे में उनकी छोटी सी गलती भी गंभीर परिणाम दे सकती है। कार्यक्रम में खेत्रपाल ला एजेंसी के आशीष खेत्रपाल भी विशेष रूप से उपस्थित थे। विशेष सत्र में महंत कॉलेज में पत्रकारिता विभाग के प्रमुख आर.पी. दुबे के अलावा शोध-छात्र ओमप्रकाश, दीपश्री चौहान, सुशांत मिश्र, तेजस किरवईवाले और अन्य छात्रों ने अपने शोध आलेख और शोध पत्र भी प्रस्तुत किए।
सेमीनार को उपयोगी बताते हुए प्राचार्य डॉ. युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि मीडिया को सही ढंग से समाज का मार्गदर्शन करने के लिए इसके कानूनों का अनुपालन अनिवार्य है। मीडिया कानून से ही विभिन्न माध्यमों पर समाज और शासन वयवस्था का नियंत्रण हो सकता है। महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. अमित अग्रवाल ने कहा कि मीडिया का निरंतर होने के कारण इसके कानूनों का पालन आवश्यक है, अन्यथा इसका दुरूपयोग होने की आशंका बढ़ जाएगी। अंत में सभी वक्ताओं को महाविद्यालय परिवार की ओर से स्म्रृतिचिन्ह प्रदान किए गए।