नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा कैशलेस ट्रांजेक्शन करने वाला देश बनने की राह पर है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बात ‘Raisina@Sydney’ बिजनेस ब्रेकफास्ट में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर आप यूपीआई के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन की बात करेंगे तो पाएंगे कि हम दुनियाभर में कैशलेस ट्रांजेक्शन सबसे ज्यादा करते हैं। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि हमने लोगों को बैंक अकाउंट खोलने के लिए मोटिवेट किया और कभी-कभी उनके अकाउंट में पैसे नहीं होते… इसी दौरान हमने 41.5 करोड़ लोगों के बैंक खाते में पैसे डाले, जिससे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बूस्ट मिला। सामाजिक कार्यक्रमों के बारे में बात करते हुए, जयशंकर ने कहा कि पिछले चार सालों में, भारत लगभग 500 मिलियन लोगों को स्वास्थ्य योजनाओं में शामिल करने में सक्षम रहा, लगभग इतनी ही संख्या पेंशन योजनाओं द्वारा कवर की गई है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि ग्रामीण आबादी ने चूल्हे में लकड़ी जलाने के बजाय अब रसोई गैस का इस्तेमल करती है। उन्होंने बताया कि रसोई गैस की पहली खेप मुफ्त में दी जाती है। इस योजना की पहुंच अब 80 मिलियन लोगों तक है।

करोड़ों लोगों को सरकार ने दिया घर :
वहीं भारत गरीब आबादी को छत देने की कोशिश में हाउसिंग प्रोग्राम भी चलाती है, जहां सरकार ने लोगों को अबतक 30 मिलियन घर दिए हैं, जहां प्रति परिवार पांच लोग होते हैं और इसका मतलब है कि हाउसिंग योजना के तहत 15 करोड़ लोगों को कवर किया गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि हम यह आंकड़ा आपको सिर्फ इसलिए बता रहे हैं, कि आप यह समझ सकें कि डिजिटल बैकबोन किस पैमाने को संभव बनाता है।

दस साल पहले डिजिटल को बढ़ावा देना था मुश्किल :
विदेश मंत्री ने कहा कि हम दस साल पहले ऐसा नहीं कर सकते थे क्योंकि हमारे पास वह रीढ़ नहीं थी, और हमारे पास रणनीतिक समझ नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया को इस साल भारत से वास्तव में तैनात करने योग्य 5जी तकनीक मिलेगी और यह ऐसी चीज है जो बड़े वैश्विक हित में होगी। जयशंकर ने कहा, “आज आप भारत में बुनियादी ढांचे में बदलाव देख सकते हैं। यह बदलाव एक एकीकृत बुनियादी ढांचा नीति के कारण हुआ है।” रायसीना@सिडनी सम्मेलन, आज ‘बिजनेस ब्रेकफास्ट’ के साथ शुरू हुआ, जिसमें मंत्रिस्तरीय और उच्च-स्तरीय सरकारी प्रतिनिधियों और सोशल एक्टिविस्ट हिस्सा लेंगे।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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