नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। भारत में हर साल दर्जनों बाघ की मौत हो जाती है और इस राष्ट्रीय पशु की सुरक्षा काफी अहम है। इसी साल 2023 में अबतक 30 बाघों की मौत हो चुकी है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) मानता है कि इसमें हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि आमतौर पर जनवरी-मार्च के बीच बाघों की मौत बढ़ जाती है। देश के कई टाइगर रिजर्व में और रिजर्व के बाहर बाघों की मौतें दर्ज की गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक कान्हा, पन्ना, रणथंभौर, पेंच, कॉर्बेट, सतपुड़ा, ओरंग, काजीरंगा और सत्यमंगलम रिजर्व से बाघों की मौत की जानकारी सामने आई है। 30 मौतों में 16 रिजर्व के बाहर बताई गई हैं। सबसे ज्यादा 9 मौतें मध्य प्रदेश में दर्ज की गई है। इसके बाद महाराष्ट्र में करीब सात बाघों की मौत हुई है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बाघों की मौतें इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यहां इस राष्ट्रीय पशु की आबादी सबसे ज्यादा है।

जहां आबादी ज्यादा, वहां मौत भी होगी ज्यादा :
नेशनल टाइगर रिजर्व के अधिकारी कहते हैं कि बाघों की मौत चिंता की बात नहीं है। अधिकारी कहते हैं कि स्वभाविक है कि जहां बाघों की संख्या ज्यादा होगी, वहां मौतें भी ज्यादा होगी। एनटीसीए के अधिकारी ने कहा, आंकड़ों से हमें पता चलता है कि किसी भी साल में जनवरी और मार्च के बीच सबसे ज्यादा बाघों की मौत होती है। यह वह समय होता है जब वे अपना क्षेत्र छोड़कर बाहर निकलते हैं, इसलिए बाघों के बीच संघर्ष भी देखा जाता है। इनके बीच क्षेत्रीय संघर्ष भी होते हैं। एनटीसीए के अधिकारी कहते हैं कि बाघों की एक अच्छी आबादी वाले देश में सालाना 200 बाघों की मौत कोई बड़ी बात नहीं है।

6% की दर से बढ़ रही भारत में बाघ की आबादी :
अधिकारी ने कहा कि देश में बाघों की आबादी सालाना 6% के दर से बढ़ रही है। ऐसे में बाघों की मृत्यु पर बहस करना एक गलती है। अधिकारी कहते हैं कि आपको यह देखना होगा कि आपके देश में बाघों की संख्या भी बढ़ रही है। एक बाघ का औसत जीवनकाल 12 साल का होता है। उन्होंने कहा कि इस साल भी इसकी आबादी 6% बढ़ने की उम्मीद है। इससे पहले 2022 में देशभर में 121 बाघों की मौतें दर्ज की गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश में 34, महाराष्ट्र में 28 और कर्नाटक में 19 मौतें हुई थी। वहीं 2021 में देश में बाघों की 127 मौतें दर्ज की गई।

बाघों की आबादी सबसे ज्यादा भारत में :
भारत – 2,967
रूस – 433 बाघ
इंडोनेशिया – 371 बाघ
नेपाल – 355 बाघ
थाईलैंड – 148 से 149 बाघ
मलेशिया – 120 बाघ
बांग्लादेश –106 बाघ
भूटान – 103 बाघ
चीन – 55 बाघ
म्यांमार – 22 बाघ

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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