चंडीगढ़/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट मानो फिर से जिंदा हो रहा है। पिछले दिनों अजनाला में खालिस्तान सपोर्टर अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने जो गदर मचाई है, कम से कम उससे तो ऐसा ही लगता है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक गोरव यादव भी मानते हैं कि अमृतपाल का उदय हो रहा है और वह बड़ी मुश्किल साबित हो सकता है। चार हफ्ते पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस बारे में एक प्रजेंटेशन भी दिया है।
पंजाब डीजीपी द्वारा ‘खालिस्तान एक्स्ट्रीमिज्म – कम्युनिकेशंस एंड लॉजिस्टिक्स इन पंजाब’ को लेकर दिए गए प्रजेंटेशन से केंद्रीय सुरक्षा के जिम्मेदार अधिकरी हैरान नहीं हुए। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में जमीनी हालात, नशे का खतरा और बेरोजगारी और कई जिलों में प्रशासनिक मशीनरी में रूकावटों का खालिस्तानी समर्थक फायदा उठा सकते हैं।
किसान आंदोलन के दौरान हिंसा :
रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार राज्य की बारीकी से निगरानी कर रही है और दो महीने पहले दिसंबर 2022 में कई खुलासे सामने आए, जो मुश्किल बढ़ाने वाले हैं। मसलन किसान आंदोलन के दौरान पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों में विरोध-प्रदर्शन और छिटपुट हिंसाओं का जिक्र भी किया गया है। इस दौरान पुलिस भी प्रदर्शनकारियों को रोक पाने में नाकाम रही, जहां विरोधियों ने पुलिस बैरिकेडिंग भी तोड़ी और कथित रूप से पुलिसकर्मियों पर हमले भी किए गए।
अमृतपाल के कारनामे सिख विरोधी :
अधिकारियों का कहना है कि अमतृतपाल सिंह ने गलतियां कीं और हाल ही में उसने अजनाला में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ में पुलिस थाने पर हमला बोल दिया। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि अमृतपाल बोलबचन वाला आदमी है और वह अपने आपको कहता है कि सिखों का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन उसके अनुयायी जो यहां उत्पात मचाते हैं, उसे पंजाब में सिख विरोधी के रूप में देखा जाता है।
केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग के लिए तैयार :
अधिकारियों को उम्मीद थी कि खालिस्तान समर्थक भावनाओं को भड़काने के लिए अमृतपाल सिंह राज्य में “अलग-थलग” हो जाएंगे। बताया जाता है कि राज्य में सत्ता के नेतृत्व और पुलिस के बीच कम्युनिकेशन गैप है, जिसकी वजह से चुनौतियां और भी बढ़ जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, “स्पष्ट राजनीतिक दिशा होने पर पुलिस को चुनौती देने से काम नहीं चलेगा।” अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसी राज्य पुलिस अधिकारियों के संपर्क में है और किसी भी सलाह या सुझाव के लिए तैयार है।