नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। आमतौर पर देखा जाता है कि फरवरी के आखिरी सप्ताह और मार्च की शुरुआत में मौसम हल्का ठंडा रहता है, लेकिन इस बार बढ़ते तापमान ने चिंता पैदा कर दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, फरवरी में गर्मी ने रिकॉर्ड बनाया है। बीते महीने हर दिन औसत तापमान 29.54 डिग्री दर्ज किया गया था। जो सामान्य से करीब 2 डिग्री ज्यादा है। तापमान में हो रहे इजाफे की वजह से देश के कई राज्यों में अभी से ही हीट वेव का खतरा मंडराने लगा है। इस बाबत भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अलर्ट जारी किया है। आईएमडी ने कहा है कि इस बार देश के अधिकांश हिस्से में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। अप्रैल और मई में गर्मी काफी बढ़ सकती है। इस बीच यह भी जानना जरूरी है कि तापमान में इतना बदलाव क्यों हो रहा है और अभी से ही गर्मी बढ़ने का खतरा क्यों है? ऐसे ही कई सवालों का जवाब जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है।
बढ़ते तापमान की वजह क्या है?
पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र नागर बताते हैं, मौसम के चक्र में बदलाव और बढ़ते तापमान की सबसे बड़ी वजह ग्लोबल वॉर्मिंग है। शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है। हरियाली कम हो रही है और इमारतों की तादाद बढ़ रही है। पेड़ कट रहे हैं, हवा की गति भी कम है तो हीट बढ़ रही है। दूसरी तरफ प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से क्लाइमेंट चेंज हो रहा है, इससे बारिश, गर्मी और सर्दी का पैटर्न अब बदल रहा है। समय से पहले तापमान बढ़ रहा है। महानगरों में स्थिति काफी खतरनाक हो गई है। राजधानी दिल्ली में अब 12 महीने ही प्रदूषण का लेवल बढ़ा रहता है, जिससे यहां की धरती गर्म हो रही है और तापमान बढ़ रहा है। देश के कई अन्य हिस्सों में भी यही स्थिति हो रही है।
हवा का रुख भी वजह :
डॉ. नागर कहते हैं कि गर्मी बढ़ने की वजह हवा का रुख भी होता है। अगर हवाएं राजस्थान से आ रही है तो ये गर्म होती है, जिससे हीट वेव का खतरा रहता है। अभी मार्च शुरू ही हुआ है, लेकिन दोपहर के समय में तेज धूप निकल रही है। कुछ लोगों ने रात में पंखा चलना शुरू कर दिया है। ये दर्शा रहा है कि मौसम का पैटर्न कितनी तेजी से बदल रहा है। आने वाले दिनों में गर्मी और भी बढ़ सकती है। डॉ नागर कहते हैं कि अब लगता है कि ये पैटर्न अब हर साल ऐसा ही होने वाला है। ऐसे में अब समय आ गया है कि क्लाइमेंट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग को कंट्रोल करने की दिशा में कदम उठाएं जाएं। नहीं तो आने वाले दिनों में हालात गंभीर हो सकते हैं।
हीट वेव हो सकती है जानलेवा :
सफदरजंग हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग के डॉ. रजत कुमार बताते हैं कि जब गर्म हवा वातावरण में ही रह जाती है और हाई प्रेशर की वजह से ये हवा जमीन ने उठती नहीं है। तो हीट वेव की स्थिति बन जाती है। हीट वेव यानी लू खतरनाक साबित हो सकती है। गर्मी बढ़ने से अगर किसी को लू लगती है तो इससे हीट स्ट्रोक हो सकता है, जिससे मौत होने तक का खतरा रहता है। कई बार डिहाइड्रेशन होने से भी मरीज की स्थिति बिगड़ने लगती है। ऐसे में आने वाले दिनों में गर्मी और लू से बचाव करने की जरूरत है। अगर हमने बदलते मौसम के साथ अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं किया तो स्थिति बिगड़ सकती है। मौसम के बदलने के हिसाब से हमें अपने भोजन और रहने के तरीकों को भी सुधारना होगा। गर्मी के दिनों में सिर कपड़े से ढ़कने ताहिए। हर कुछ घंटों में पानी पीते रहें। रात में एसी या पंखे के उपयोग से बचें और अभी ठंडा पानी पीना शुरू न करें।