छत्तीसगढ़ में ‘गुलाल’ पर बवाल, जिन गुलाबों पर चलीं प्रियंका उससे गुलाल बनाएगी कांग्रेस !

रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। होली से पहले कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में ‘गुलाल’ पर बवाल शुरू हो गया है। खबर है कि जिन गुलाब की पत्तियों पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा चलीं, उनसे कथित तौर पर गुलाल बनाने की तैयारी की जा रही है। एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी लोगों की भावनाओं का अपमान बता रही है। वहीं, कांग्रेस ‘मंदिर में चढ़े फूलों’ का हवाला दे रही है। राजधानी रायपुर में महाधिवेशन के दौरान कांग्रेस के दिग्गज जुटे थे।

दरअसल, कांग्रेस महाधिवेशन के दौरान प्रियंका गांधी के स्वागत में सड़कों पर गुलाब बिछाए गए थे। सड़क पर करीब 2 किमी तक फूल सजे हुए थे। खबर है कि इसके लिए 6 हजार किलो से ज्यादा गुलाब का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रियंका पर फूलों की बारिश भी की। रायपुर में 24 से 26 फरवरी तक कांग्रेस का महाधिवेशन हुआ था।

क्या बोली भाजपा?
भाजपा का आरोप है कि यह सनातन धर्म के लोगों का अपमान करने वाला काम है। पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा, ‘जिस तरह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर गुलाब के फूल बिछाकर स्वागत किया। हम उसका सम्मान करते हैं। गुलाब की पत्तियां हजारों लोगों के पैरों तले और वाहनों से कुचल गईं। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार इन पत्तियों से गुलाल बना रही है। वे सनातन धर्म के अपमान के लिए इन पत्तियों का इस्तेमाल करने के लिए कह रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘सनातन धर्म में हम गुलाल का उपयोग भगवान की आराधना और होली के जश्न में बड़ों को लगाने के लिए करते हैं और ये लोग कह हमें कह रहे हैं कि उस गुलाल का इस्तेमाल करो, जो लोगों के पैरों और वाहनों से कुचले गए फूलों से बना है।’ उन्होंने कहा कि अगर उन्हें अपमान महसूस नहीं होता है, तो कांग्रेस कार्यकर्ता अपने नेताओं के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं।

कांग्रे का जवाब :
कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ‘फूल चाहे देवी या देवताओं को मंदिर में चढ़ाए जाएं या गुलदस्ते या हार के जरिए किसी का स्वागत किया जाएगा। बाद में उनका सही इस्तेमाल ऊर्वरक, गुलाल, पर्फ्यूम या अगरबत्ती बनाने में होता है। जब इसे रिप्रोसेस्ड किया जाता और नया बनाया जाता है, तो इसे पवित्र माना जाता है।’ उन्होंने कहा कि मूणत को सनातन धर्म की जानकारी नहीं है और उन्हें किसी सनातनी ब्राह्मण से मिलना चाहिए।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.