रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। शीर्ष माओवादी नेता आनंद उर्फ सुदर्शन कट्टम की छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके के वन क्षेत्र में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी। उस पर डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। कट्टम 69 वर्ष का था। उसकी मौत 31 मई को हुई। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशन) विवेकानंद ने कट्टम की मौत की पुष्टि की। विवेकानंद ने कहा, वह माओवादियों की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो सदस्य था। सरकार ने उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। उन्होंने कहा कि माओवादियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कट्टम की मौत की जानकारी दी है और इसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है।

माओवादियों की केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने एक प्रेस रिलीज जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि कट्टम का पिछले बुधवार को दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर दिल का दौरा पड़ा। दिल का दौरा पड़ने के कारण उसकी मौत हो गई। वह क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित था। नक्सलियों ने कहा कि दंडकारण्य के जंगल में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। अब नक्सली पांच जून से तीन अगस्त तक उसकी याद में देशभर में सभा आयोजित करेंगे।

माओवादी आंदोलन में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका :
कट्टम का जन्म तेलंगाना के बेल्लमपल्ली जिले में हुआ था। खनन में डिप्लोमा पूरा करने के बाद नक्सलबाड़ी-श्रीकाकुलम संघर्ष से प्रभावित होकर वह माओवादी आंदोलन में शामिल हो गया। विज्ञप्ति में कहा गया कि कट्टम ने देश के विभिन्न हिस्सों में माओवादी आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पिछले पांच दशक से वह नक्सली संगठनों में सक्रिय रहा है और उसने इस दौरान आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट सहित कई अन्य राज्यों में नक्सली संगठनों की जिम्मेदारी भी संभाली।

दंतेवाड़ा हमले का मास्टर माइंड था :
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आनंद उर्फ सुदर्शन कट्टम 2011 में दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले का मास्टरमाइंड था। बता दें कि इस नक्सली हमले में 70 जवान शहीद हुए थे। इस हमले को देश के सबसे बड़े नक्सली हमलों में से एक माना जाता है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.