रायपुर। द मीडिया पॉइंट। कुणाल सिंह ठाकुर। सनातन प्रेमियों के लिए अमरनाथ यात्रा अपना अलग ही महत्व रखती है। भोले भंडारी के भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए परेशानियों और तकलीफों से गुजरकर बाबा के धाम अमरनाथ पहुंचते हैं। बाबा की एक झलक पाने के लिए समुद्र तल से 13,600 फीट की ऊंचाई तक भक्त हर मुश्किल पार करके पहुंच जाते हैं। भोलेनाथ भक्त उनके दर्शन के लिए हर तकलीफ को पार कर लेते हैं और यहां तक कि प्रकृति के प्रकोप को भी झेल जाते हैं। कब से शुरू हो रही बाबा के दर्शन के लिए पवित्र अमरनाथ यात्रा और क्या है इसका धार्मिक महत्व जानें यहां।

कब से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा :
इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई यानी कि कल से शुरू हो रही है। यह यात्रा 31 अगस्त यानी कि पूरे 2 महीने तक चलेगी। हर साल भक्तों की भारी भीड़ भोलेनाथ के दर्शन के लिए अमरनाथ जाती है। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 17 अप्रैल से शुरू हो गया था। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा था। शास्त्रों में बाबा बर्फानी के धाम को मोक्ष का द्वार बताया गया है।

क्या है अमरनाथ यात्रा का महत्व :
अमरनाथ जाकर बाबा बर्फानी के दर्शन का प्रचलन बहुत ही पुराना है। खास बात ये है कि बाबा बर्फानी का धाम सर्दियों के मौसम में बर्फ से ढका रहता है और गर्मियों में यहां पर खुद ही बाबा बर्फानी का स्वरूप उभर आता है। बाबा के इस स्वरूप के दर्शन करने हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ धाम पहुंचते हैं। इस धाम की एक और खास बात ये भी है कि सावन में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को महादेव अपने पूरे आकार में भक्तों को दर्शन देते हैं। इस दिन के बाद बाबा का आकार धीरे-धीरे कम होने लगता है।

शिव के साथ शक्ति के भी दर्शन :
दशकों से शिव शंकर के भक्त अमरनाथ यात्रा कर रहे हैं। पहले अमरनाथ की गुफा अमरेश्वर कहलाती थी। यहीं पर 51 शक्तिपीठों में से एक माता सती का शक्तिपीठ भी मौजूद है। मान्यता के मुताबिक अमरनाथ गुफा के पास ही माता सती का कंठ गिरा था, इसी जगह को माता के शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाने लगा। जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ अपने आराध्य के दर्शन कर लेता है उसको शिव के साथ ही शक्ति का भी आशीर्वाद मिल जाता है।

अमरनाथ यात्रा के लिए सख्त नियम :
अमरनाथ धाम की यात्रा बहुत ही कठिन और कष्टों से भरी हुई होती है। प्राकृतिक आपदाओं के बीच भी बाबा के भक्तों में उत्साह बना रहता है। पूरे जोश के साथ भक्त बाबा के दर्शन के लिए अमरनाथ धाम की तरफ निकल पड़ते हैं। लैंडस्लाइड के खतरे को देखते हुए इस साल यात्रा करने वाले भक्तों को हेलमेट पहनना होगा, ये नियम उनको पत्थरों और बारिश से बचाने के लिए जारी किया गया है। पिछले साल अमरनाथ यात्रा के दौरान बाबा की पवित्र गुफा के पास बादल फट गया था, यही वजह है कि इस बार पुख्ता इंतजाम भक्तों के लिए किए गए हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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