चेन्नई/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर अभी बवाल थमा नहीं है कि एक और बयान चर्चा में आ गया है। डीएमके सांसद ए राजा ने अब सनातन धर्म की तुलना एचआईवी से कर दी है, जिसके बाद ये विवाद बढ़ता ही जा रहा है।ए राजा ने सनातन धर्म के मसले पर सीधे गृह मंत्री अमित शाह से बहस करने की चुनौती दी है।
ए राजा ने बुधवार को इस पूरे विवाद पर कहा कि उदयनिधि ने जो भी बोला है, वो काफी कम है। उन्होंने सिर्फ मलेरिया और डेंगू कहा है, लेकिन ये ऐसी बीमारी नहीं हैं जिन्हें समाज में घिनौना कहा जाता है। अगर आपको सनातन को परिभाषित करना है तो आप एचआईवी को देखिए, समाज के लिए सनातन ऐसा ही काम करता है।
डीएमके सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा कि पीएम को भी सनातन धर्म का पालन करना चाहिए और विदेशी दौरों पर नहीं जाना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री और अमित शाह को चैलेंज करता हूं कि वो मुझसे सनातन धर्म पर बहस कर लें। दिल्ली में एक करोड़ लोगों को बुलाएं, शंकराचार्य को भी बैठाएं और अपने सभी हथियारों को छोड़ दें।
ए राजा के बयान पर बीजेपी का भी रिएक्शन आया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने लिखा कि उदयनिधि के बाद ए राजा सनातन धर्म को नीचा दिखा रहे हैं। ये देश की 80 फीसदी पर निशाना साधना है, जो सनातन धर्म का पालन करती है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन की यही सच्चाई है, जो सोचते हैं कि हिन्दुओं को नीचा दिखाकर चुनाव जीते जा सकते हैं।
बिहार से भी आया भड़काऊ बयान :
सिर्फ दक्षिण ही नहीं बल्कि बिहार से भी ऐसा ही बयान सामने आया है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद का कहना है कि जो लोग टीका लगाकर घूमते हैं, उन्होंने ही देश को गुलाम बनाया है। उन्होंने कहा कि आखिर भारत किनके वक्त में गुलाम बना है, ये सब टीका लगाने वालों की वजह से हुआ है। बीजेपी और आरएसएस आज देश को बांटने में लगी हुई हैं, लेकिन इससे देश नहीं चलता है।
कैसे शुरू हुआ ये पूरा बवाल?
दरअसल, ये सारा विवाद उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद हुआ था। उदयनिधि ने अपने एक संबोधन में कहा था कि सनातन धर्म में सुधार नहीं बल्कि उसे खत्म करने की जरूरत है। ये धर्म एक बीमारी की तरह है, जैसे कि समाज में डेंगू और मलेरिया होता है। उदयनिधि के इसी बयान के बाद देश में सनातन धर्म को लेकर बहस शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते दिन कैबिनेट बैठक में अपने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि इस तरह के बयान का सही तरीके से जवाब दिया जाना चाहिए। यही कारण है कि भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री इस मसले पर आक्रामक रवैया अपना रहे हैं और खुले तौर पर विपक्ष को सनातन धर्म के मसले घेर रहे हैं।
डीएमके नेताओं के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर INDIA गठबंधन में अलग-अलग रुख दिखे हैं। कुछ नेताओं ने इसपर चुप्पी साधी है और इस तरह के बयान देने से बचने के लिए कहा है, साथ ही कुछ ने इसे एक पार्टी का बयान बताया है। यही कारण है कि सनातन धर्म की इस डिबेट पर विपक्ष बैकफुट पर नज़र आ रहा है।