रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और केंद्रीय चुनाव पैनल के अन्य सदस्य में शिरकत करेंगे। पिछले दो दिनों से दोनों ही राज्यों के बीजेपी की कोर कमेटी के साथ देर रात मीटिंग चली है और अब केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में टिकटों पर मंथन किया जाएगा। माना जा रहा है कि केंद्रीय चुनाव समिति की आज होने वाली बैठक में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए उम्मीदवारों को दूसरी लिस्ट पर अंतिम मुहर लग सकती है।
बता दें कि केंद्रीय चुनाव समिति टिकटों पर अंतिम रूप देने और चुनावी रणनीति बनाने के लिए बीजेपी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है। इसमें पीएम मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तक शामिल हैं। पिछले महीने 16 अगस्त को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी, जिसके बाद 17 अगस्त को मध्य प्रदेश की 39 सीटों और छत्तीसगढ़ की 21 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की की पहली सूची जारी की गई थी। इस तरह मध्य प्रदेश में 191 और छत्तीसगढ़ में 69 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा होना बाकी है, जिसे लेकर बीजेपी में बैठकों और मंथन का दौर जारी है।
सोमवार-मंगलवार को लेकर हुई थी बड़ी बैठक :
मध्य प्रदेश की कोर कमेटी के साथ सोमवार को देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर बैठक चली थी। इस तरह छत्तीसगढ़ की कोर कमेटी के नेताओं के साथ मंगलवार को अमित शाह के घर काफी लंबी मीटिंग हुई है। माना जा रहा है कि इन दोनों ही बैठकों में प्रदेश संगठन के द्वारा भेजे गए उम्मीदवारों नामों का पैनल पर विचार-विमर्श किया गया है। वहीं, अब उसी को लेकर बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति बैठक में मंथन किया जाएगा और तब कहीं जाकर फाइनल मुहर लगेगी।
आज शाम 5.30 बजे बीजेपी CEC की बैठक :
बता दें कि आज शाम 5.30 बजे बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। इस बैठक में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर मुहर लग सकती है। मध्यप्रदेश की 40 से 45 और छत्तीसगढ़ की 21 से 25 नामों पर बीजेपी सीईसी मुहर लगा सकता है। मध्यप्रदेश की बी और सी कैटेगरी और छत्तीसगढ़ की सी और डी कैटेगरी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की सूची पर अंतिम लगेगी। एमपी (39) और छत्तीसगढ़ (19) के सी और डी कैटेगरी सीटों पर उम्मीदवारों की पहली सूची 3 हफ्ते पहले ही तय की जा चुकी है। आज रात या कल तक उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी किया जा सकता है।
MP-छत्तीसगढ़ की दूसरी सूची पर लग सकती मुहर :
बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर मुहर लग सकती है। माना जा रहा है कि दूसरी लिस्ट में से 64 उम्मीदवारों (इसकी संख्या कम और ज्यादा भी हो सकती है) के टिकट फाइनल हो सकते हैं। इस तरह से छत्तीसगढ़ की करीब 25 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लग सकती है। इसके पीछे वजह यह है कि बीजेपी पहले 2018 में हारी हुई सीटों पर कैंडिडेट के नामों की घोषणा कर देने की स्ट्रेटेजी बनाई है। बीजेपी ने पहली सूची में एमपी की 39 और छत्तीसगढ़ की 21 सीटों पर नामों की घोषणा की है। यह सीटें बीजेपी दो-तीन चुनाव से लगातार हार रही थी।
MP-छत्तीसगढ़ में कितनी सीटों पर हारी थी BJP?
बता दें कि 2018 में मध्य प्रदेश की कुल 230 सीटों में से बीजेपी को 121 सीटों पर हार का मूंह देखना पड़ा था। इसके बाद सिंधिया समर्थकों ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया था, जिसके बाद उपचुनाव में बीजेपी के 28 कैंडिडेट जीतने में सफल रहे थे। राज्य में 103 सीटों पर बीजेपी के विधायक फिलहाल नहीं है। इसी तरह छत्तीसगढ़ की कुल 90 सीटों में से बीजेपी 2018 के चुनाव में महज 15 सीटें ही जीत सकी थी और उसे 75 सीटों पर हार मिली थी।
बीजेपी मध्य प्रदेश की हारी हुई 103 सीटों में से 39 सीट पर कैंडिडेट के नामों का ऐलान कर चुकी है और 65 सीटें बची है। इसी तरह छत्तीसगढ़ की हारी 75 सीटों में से 21 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा कर रखी है, जिस लिहाज से 54 सीटें बची है। इस तरह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की हारी हुई बची सीटों पर बीजेपी केंद्रीय समिति की बैठक में दूसरी लिस्ट में कैंडिडेट्स के नामों की मुहर लग सकती है। बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में दूसरी लिस्ट के लिए बीजेपी उन्हीं सीटों पर कैंडिडेट के नामों की घोषणा करने की रूपरेखा बनाई है, जहां पर विपक्षी दल के विधायक हैं।
जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही भाजपा :
बीजेपी दोनों ही राज्यों में अपने मौजूदा विधायकों में सिर्फ उन्हें नेताओं को दोबारा से टिकट देने पर विचार कर रही है, जो अपनी सीटों पर पूरे समय तक सक्रिय नजर आ रहे और जीतने की ताकत रखते हैं। बीजेपी इस बार बदली हुई रणनीति के तहत काम कर रही है। चुनाव घोषणा से पूर्व टिकट वितरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। बीजेपी इस बार जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर पड़ना है। इसीलिए बीजेपी किसी तरह की कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है और चुनावी धार देने की स्टैटेजी बनाई है।