रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। रूस के व्लादिवोस्तक में बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन की धमाकेदार मुलाकात हुई है। इस मुलाकात से अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों की नींद उड़ गई है। मुलाकात के दौरान पुतिन ने किम का पूरे गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वो किम को देखकर काफी खुश हैं। किम और पुतिन की इस मुलाकात पर दुनिया की नजर थी।
जानकारों का कहना है कि हथियारों की लेन देन से इतर दोनों देशों के नेताओं के बीच ये महामुलाकात थी। मुलाकात के दौरान पुतिन ने कहा कि रूस नॉर्थ कोरिया को सैटेलाइट बनाने में मदद करेगा। वहीं कोरियाई तानाशाह किम जोंग ने मॉस्को की लड़ाई में व्लादिमीर पुतिन और रूस को फुल सपोर्ट करने का आश्वासन दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनो नेताओं के बीच हथियारों की लेन देन को लेकर बड़ा करार हुआ है।
हथियारों की लेन-देन को लेकर करार :
बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच आर्टिलेरी शेल्स और एंटीटैंक मिसाइल की लेन देन को लेकर बातचीत हुई। इसके अलावा दोनों देशों ने और भी कई मसलों पर बातचीत की। इस दौरान पुतिन ने किम को अपने स्पेस सेंटर आने का न्योता दिया। किम और पुतिन की इस मुलाकात को कई मायनों में काफी खतरनाक माना जा रहा है। बता दें कि पुतिन से मुलाकात के दौरान किम की बहन उनके साथ थीं।
अमेरिका समेत नाटो देशों की हालत पस्त!
दोनों नेताओं के इस मुलाकात से अमेरिका समेत नाटो देशों की सांसे फूल रही हैं। जानकारों का कहना है कि हथियारों की लेन देन से इतर किम और पुतिन की ये मुलाकात बहुत आगे की तस्वीर पेश करने वाली है। इस मुलाकात के बहाने रूस अपनी अगली तैयारी कर रहा है। कहा जा रहा है कि आने वाले समय में जब रूस नाटो से लड़ेगा तो उसके साथ कौन कौन से देश होंगे, इस मुलाकात को उसी रूप में देखा जा रहा है।
नॉर्थ कोरिया रूस का नया पार्टनर :
जानकारों का ये भी कहना है कि जिस तरह अमेरिका जेलेंस्की (यूक्रेनी राष्ट्रपति) का इस्तेमाल कर रहा है, उसी तरह आने वाले समय में पुतिन किम का इस्तेमाल करेंगे। आगे चलकर नॉर्थ कोरिया उसी तरह से विहेव करेगा, जिस तरह से रूस के लिए बेलारूस इस्तेमाल होता आया है। बेलारूस के बाद पुतिन के हाथ एक और पार्टरन हाथ लगने वाला है, जो पुतिन के कहने पर काम करेगा। वहीं, रूस यूक्रेन की जंग में किम जोंग उन के हथियारों की एंट्री सभव हो सकती है। यानी यूक्रेन युद्ध में अब नॉर्थ कोरिया भी खुले तौर पर रूस का साथ दे सकता है।