बिलासपुर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। अभी तक आपने ज्यादातर मामलों में आप ने नेताओं और बड़े लोगों के लिए कोर्ट की सुनवाई देर रात में होते देखी होगी। लेकिन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरुवार को देर रात जनता के लिए सुनवाई कर समाज को बड़ा संदेश दिया है। ग्रामीणों की अपील पर हाईकोर्ट का दरवाजा रात करीब 11 बजे खोला गया। दरअसल, महासमुंद जिले के बागबहरा क्षेत्र के लालपुर में 75 साल से सरकारी जमीन पर काबिज ग्रामीणों का मकान तोड़ने के लिए बुलडोजर गुरुवार देर शाम पहुंच गया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए शाम 7:30 बजे ग्रामीणों की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई और तुरंत सुनवाई की मांग की गई। ग्रामीणों की अपील पर जस्टिस पी.सैम कोशी की सिंगल बेंच ने रात 11 बजे मामले की सुनवाई की और प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगा दी। इससे ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली। ग्रामीण फूलदास कोसरिया व योगेश की तरफ से अधिवक्ता वकार नैय्यर, शांतम अवस्थी, प्रांजल शुक्ला, फैज काजी और अभिषेक बंजारे ने गुरुवार की देर शाम हाईकोर्ट पहुंचे। उन्होने रजिस्ट्री के अधिकारियों को बताया कि महासमुंद जिले के ग्रामीणों की याचिका पर अर्जेंट सुनवाई की आवश्यकता है। रजिस्ट्री के अफसरों ने उनकी बातों को सुनने के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी से मार्गदर्शन लिया। उनके निर्देश पर जस्टिस पी.सैम कोशी से संपर्क किया गया। उन्होंने केस को गंभीरता से लिया और याचिका स्वीकार करते हुए रात 10:45 बजे सुनवाई करने के निर्देश दिए। याचिका की सुनवाई शुरू हुई तो वकीलों ने बताया कि याचिकाकर्ता आजादी के पहले यानी 75 साल से अधिक समय से सरकारी जमीन पर बसे हुए हैं। इसके लिए उनसे साल 1982 से टैक्स भी लिया जा रहा है। इसके बाद भी प्रशासन ने नोटिस देकर सिर्फ 24 घंटे का समय दिया और कब्जा खाली करने का फरमान जारी कर दिया। गुरुवार की शाम 5:30 बजे अधिकारी अतिक्रमण दस्ते को लेकर बेदखली की कार्रवाई करने पहुंच गए।
याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने यह भी बताया कि टैक्स देने के बाद भी तहसीलदार ने 8 जुलाई और सीएमओ ने 12 जुलाई को नोटिस जारी किया। इसमें उन्हें 24 घंटे में कब्जा खाली करने के निर्देश दिए गए। जब गांव के लोगों ने कब्जा खाली नहीं किया तो मकान ढहाने के लिए प्रशासन की टीम पहुंच गई। जस्टिस पीसैम कोशी ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद प्रकरण में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए। इसके साथ ही 10 अगस्त को मामले की सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।