कोलकाता/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और केंद्रीय योजना के बाबत राशि रिलीज करने की मांग की थी, लेकिन सीएम के पीएम से मुलाकात के दूसरे दिन ही बंगाल बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और आरोप लगाया है कि केंद्रीय योजनाओं में भ्रष्टाचार चल रहा है। केंद्रीय योजनाओं के नाम बदल दिए गए हैं। शुभेंदु अधिकारी ने पीएम को लिखा, “केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई पश्चिम बंगाल में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाएं; विशेष रूप से मनरेगा, पीएमएवाई (प्रधान मंत्री आवास योजना) और पीएमजीएसवाई (प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना) आदि में प्रतिदिन असंख्य कदाचार की घटनाओं का खुलासा हो रहा है।” उन्होंने लिखा, “लोक कल्याण की इन योजनाओं के माध्यम से भ्रष्ट गतिविधियों और धन की हेराफेरी की जा रही है। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि मनरेगा के तहत निष्पादित कार्यों को क्रियान्वित किए बिना फर्जी भुगतान को न्यायोचित ठहराने के लिए झूठे उपयोग प्रमाण पत्र भेजे गए थे।”
उन्होंने लिखा, “करोड़ों रूपए ठगने के लिए मनरेगा के फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है. पौधों का रोपण जैसे मैंग्रोव पौधे और फल देने वाले पौधों के रोपण में भी भ्रष्टाचार किया जाता है। जयनगर II ब्लॉक; कुलतली विधानसभा क्षेत्र, दक्षिण 24 परगना जिला में पिछले कुछ वर्षों में मनरेगा के नाम पर फंड की हेराफेरी की गई है। आवंटित धन के बाबजूद पौधेरोपण नहीं किया गया है। इसमें करोड़ों रूपए की हेराफेरी की गई है।” पत्र में लिखा गया है कि गरीब जॉब कार्ड धारकों को या तो ठीक से भुगतान नहीं किया जाता है। उनके कार्ड छीन लिए जाते हैं और भ्रष्टाचारियों द्वारा रखे जाते हैं। अभी तक केंद्रीय दल पश्चिम बंगाल की कुछ पंचायतों का सर्वेक्षण कर रहे हैं। इससे पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारी घबराए हुए हैं। कई पंचायत कार्यालय अंधेरे में काम कर रहे हैं। केंद्रीय सह प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि ममता बनर्जी गलत दावा कर रही हैं कि केंद्रीय फंड को रोका गया है।
बंगाल में योजनाओं के नाम बदले जाने का आरोप :
उन्होंने कहा कि राज्य में जान बूझकर केंद्र के मूल नाम बदल दिए हैं। अपने स्वयं के नामों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीण सड़क योजना को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के रूप में फिर से रंगा जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दे दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा आदेशित “महामारी खरीद घोटाले” की जांच के आदेश दिया गया है। कोविड महामारी से संबंधित उपकरणों की खरीददारी में लगभग 2000 करोड़ रूपए के घोटाले हुए हैं। इनकी न्यायोचित जांच होनी चाहिए।