बलरामपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। हमारे देश में अंधविश्वास इस कदर हावी है कि कई बार लोग अपनी जान तक की बाजी लगा देते हैं. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर (Balrampur) से आया है.
जहां एक युवक ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में बीजेपी की जीत के बाद अपनी उंगली काटकर देवी मां के मंदिर में चढ़ा दी. युवक की हालत बिगड़ने पर उसके परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया, जहां से उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) रेफर किया गया. फिलहाल, युवक खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

ये है पूरा मामला :
यह पूरा मामला बलरामपुर के सामरी थाना क्षेत्र के ग्राम डीपापाडी का है. मतगणना के दिन शुरुआती रुझानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर डीपापाडी निवासी 30 वर्षीय दुर्गेश पांडे डिप्रेशन में चला गया. जिसके लिए उसने तत्काल सावंत सरना के प्राचीन काली मंदिर पहुंचा और बीजेपी की जीत की मन्नत मांगी. शाम को जैसे ही बीजेपी की जीत की सूचना दुर्गेश को मिली, वह रात में ही मंदिर पहुंचा और अपनी बाएं हाथ की उंगली को आधा काटकर मंदिर में चढ़ा दिया. दुर्गेश ने बताया कि वह भाजपा का कार्यकर्ता नहीं है, लेकिन सनातन की रक्षा के लिए वह भाजपा का समर्थन करता है।
खून का बहाव नहीं रुकने पर बिगड़ी हालत :
दुर्गेश पांडे ने अपनी बाएं हाथ की उंगली को आधा काटकर मंदिर में चढ़ा दिया. जिसके बाद उसके हाथ से खून का बहाव बंद नहीं होने के कारण पहले उसने कपड़ा बांधकर रखा, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया खून का बहाव बढ़ने लगा और वह घर में बेहोश होकर गिर पड़ा. घर वालों को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने से सामरी के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दुर्गेश को दाखिल कराया, लेकिन प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल करने के के चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर खून के बहाव को रोका.
नहीं जुड़ पाई कटी हुई उंगली :
बता दें कि दुर्गेश को अंबिकापुर में भर्ती करते समय युवक के परिजन मंदिर से युवक की कटी उंगली को भी अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज लेकर आए थे, ताकि उस उंगली को चिकित्सक फिर से ऑपरेशन कर जोड़ सकें. लेकिन, दुर्गेश की कटी उंगली को जोड़ने में डॉक्टरों को कामयाबी नहीं मिली. डॉक्टरों का कहना है कि उंगली को कटे 24 घंटे से ज्यादा समय बीतने के कारण उसमें इंफेक्शन हो चुका है, जिससे उसे फिर से जोड़ना संभव नहीं है.