रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेशभर के बिजली उपभोक्ताओं को लगातार चौथे माह भी महंगी बिजली का झटका लगा है। अब अक्टूबर की बिजली तीन फीसदी महंगी हो गई है। जून से लगातार कीमत में इजाफा होने के कारण बीते चार माह में बिजली की कीमत करीब 17 फीसदी बढ़ी है।

प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए के स्थान पर उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) लागू है। सबसे पहले पिछले साल अप्रैल में पहली बार नया फार्मूला लागू होने पर शुल्क 5.30 प्रतिशत लिया गया। इसके बाद मई में 10.29 प्रतिशत, जून में 14.23, जुलाई में 11.43, अगस्त में शुल्क 10.31 प्रतिशत रहा। सितंबर और अक्टूबर में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण अगस्त का शुल्क लिया गया। बाद में सितंबर और अक्टूबर की कीमत तय होने पर इसका समायोजन किया गया। नवंबर में शुल्क कम होकर 7.04 प्रतिशत हो गया। दिसंबर में यह शुल्क 6.30 प्रतिशत था।

नए साल के पहले माह जनवरी में यह शुल्क 6.70 प्रतिशत, फरवरी में 10.12, मार्च में 7.20 फीसदी, अप्रैल में 9.22 और मई में यह घटकर 9.10 फीसदी हो गया। इसके बाद जून में यह सबसे कम 0.69 फीसदी हो गया था। लेकिन इसके बाद जुलाई से लगातार इसमें इजाफा हो रहा है। जुलाई में यह 4.72 फीसदी हुआ। यानी जुलाई में बिजली चार फीसदी महंगी हुई। इसके बाद अगस्त में बड़ा झटका और यह 11.95 फीसदी हो गया। यानी अगस्त में बिजली की कीमत में 7.23 फीसदी का इजाफा हुआ। सितंबर में ऊर्जा प्रभार पर शुल्क 14.23 होने के कारण इस माह 2.28 फीसदी बिजली की कीमत बढ़ी और अब अक्टूबर में ऊर्जा प्रभार पर शुल्क 17.31 प्रतिशत होने के कारण कीमत में 3.08 फीसदी का इजाफा हो गया है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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