नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। सुधा कोंथी (Sudha Konthi) के नाम से मशहूर दिग्गज संगीतकार भूपेन हजारिका की आज 96वीं जयंती है। प्रतिद्वंदी और रुदाली जैसी फिल्मों का संगीत देने वाले भूपेन हजारिका की शख्सियत केवल एक संगीतकार के रूप में प्रख्यात नहीं है, वे एक गीतकार भी थे, गायक भी, कवि भी और फिल्मकार भी थे। भारतीय सिनेमा के इस प्रख्यात गीतकार-संगीतकार को आज यानी गुरुवार को गूगल ने भी खास डूडल बनाकर ट्रिब्यूट दिया है। भूपेन हजारिका के इस डूडल को मुंबई बेस्ड आर्टिस्ट ऋतुजा माली ने बनाया है।

गूगल ने डूडल बनाकर दिया भूपेन हजारिका को ट्रिब्यूट :
गूगल द्वारा बनाए गए इस डूडल में आप देखेंगे कि भूपेन हजारिका हाथ में एक हार्मोनियम लिए बैठे हैं। उनके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल है। हार्मोनियम के साथ-साथ उनके सामने एक माइक भी रखा गया है। भूपेन हजारिका को एक पारंपरिक ड्रेस में ही दिखाया गया है। उन्होंने कंधे पर असम की पहचान वाला एक गमछा भी डाला हुआ है, जिस पर वहां का लोकप्रिय जापी डिजाइन नजर आ रहा है। ये डूडल असमिया सिनेमा और लोक संगीत को लोकप्रिय बनाने के लिए भूपेन हजारिका के काम का जश्न मना रहा है।

बता दें, भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारकों में से एक थे। उनकी रचनाएं इतनी शक्तिशाली थीं कि उन्होंने सभी क्षेत्रों के लोगों को एकजुट किया। हजारिका का जन्म 8 सितंबर, 1926 को असम के सादिया में हुआ था। उनके पिता का नाम नीलकंठ और मां का नाम शांतिप्रिय हजारिका था। उनके पिता मूल रूप से शिवसागर जिले के नजीरा कस्बे के रहने वाले थे। भूपेन हजारिका का बचपन ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे के जीवन पर बने गीतों और लोक कथाओं के बीच गुजरा। इससे वह काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने जो बचपन में सीखा उसे अपनी कला में बखूबी उतारा।

भारतीय सिनेमा को दिए अपने अमूल्य योगदान के लिए भूपेन हजारिका कई पुरस्कारों से सम्मानित किए गए। 1975 में भूपेन हजारिका को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें फिल्म जगत का सबसे बड़ा पुरस्कार दादा साहेब फाल्के से भी नवाजा जा चुका है। 2011 में उन्हें कला के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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