जयपुर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। राजस्थान के जयपुर स्थित जवाहर कला केंद्र में 3500 साल पुराने मकबरे की प्रदर्शनी लगी। इसमें मिस्र के राजा रहे खंजर तूतनखामुन का तख्त सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा। प्रदर्शनी में राजा के तख्त से लेकर रथ को सोने से सजाया गया। खास बात यह रही कि मिस्र के मकबरे की तरह तैयार किया गया था। वहीं, इतिहासकारों की मानें तो राजा अखेनातेन बेटे तूतनखामुन की मौत 3 हजार साल पहले हुई थी। साल 1922 में ब्रिटिश आर्कियोलॉजिस्ट की एक टीम ने राजा की कब्र की खोज की। तुतनखामुन प्राचीन मिस्रके 18वें राजवंश के 11वें राजा थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सन् 1333 में तूतनखामुन मात्र 9 साल की उम्र में राजगद्दी पर बैठे। उनका शासन काल सिर्फ 10 साल ही चला। करीब 19 साल की उम्र में रहस्यमयी बीमारी ने उनकी जान ले ली। आपको बता दें कि तूतनखामुन का अर्थ है अमन की छवि वाला। प्रदर्शनी के संयोजक मनीष शर्मा बताते हैं कि इजिप्ट सभ्यता की हजारों दुर्लभ वस्तुएं मकबरे में मौजूद हैं। जिससे सबसे खास है शवों के ताबूत यानी ममी की रेप्लिका। आपको बता दें कि मकबरे में रेप्लिका का निर्माण तीन कलाकारों ने मिलकर किया, जिसमें डॉ. मुस्तफा अवलजैबी, ओसामा और मोहम्मद शामिल हैं।

100 साल पहले मिला मकबरा :
इजिप्ट के कलाकार डॉ. मुस्तफा अवलजैबीकी मानें तो तूतनखामेन का मकबरा करीब 100 साल पहले मिला था। उन्होंने यह भी बताया कि करीब 30 सालों की मेहनत के बाद स्कल्पचर बनकर तैयार हुआ है। तूतनखामुन का तख्त पर उनके दुश्मन राजाओं के चित्र बने हुए थे। जिन्हें वो अपने पैरों के नीचे रखना ही पसंद करते थे। इसके साथ ही उनके रथ के पीछे कैदियों की तस्वीर दर्शाई गई हैं।

जनवरी को मिली थी दादा की मूर्ति :
आपको बता दें कि इसी साल जनवरी महीने में राजा तुतनखामुन के दादा की 26 फुट लंबी मूर्ति की खोज की गई थी। पुरातत्वविदों ने तुतनखामुन के दादा राजा अमेनहोटेप-III की मूर्ति खोज निकाली थी, जिसका निर्माण विशाल चूना-पत्थर को काटकर किया गया था। यह प्राचीन मूर्ति लक्सर के अमेनहोटेप के मंदिर की खुदाई के दौरान मिली थी। तुतनखामुन के दादा के सिर पर नेवले के आकार का राज मुकुट, एक शाही दाढ़ी और चौड़ा हार पहने हुए दिखाया गया था।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.