नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने हाल में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। सिर से बहते खून के बाद उन्होंने जीत दर्ज की। दरअसल टूर्नामेंट में क्यूबा के एलेजांद्रो एनरिक व्लादेस के खिलाफ मुकाबले में उनके सिर में चोट लग गई थी, जिससे काफी खून बहने लगा। इसके बाद वो सिर पर पट्टी बांधकर खेलने उतरे और जीत दर्ज की। हालांकि अपने अगले मुकाबले में वो अमेरिका के पहलवान से हार गए और खिताब जीतने का उनका सपना टूट गया, मगर ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में उन्होंने बाजी मार ली।

न खेलने का बना लिया था मन :
बजरंग ने बताया कि उन्होंने एक बार तो न खेलने का मन बना लिया था, मगर पहलवान पत्नी संगीता फोगाट के उनका उत्साह बढ़ाया और इस मेडल में उनकी पत्नी का भी बहुत बड़ा योगदान है। संगीता ने उनसे कहा कि कोई नहीं इंजरी हुई है, इसकी पट्टी करवाकर फिर से ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलो। बजरंग ने कहा कि संगीता मुझे काफी मोटिवेट करती हैं, फाइट के बीच में परिवार से बात नहीं कर सकता, मगर संगीता मेरे साथ थी। बजरंग ने कहा कि एक बार मन था कि ज्यादा कट लग रहा है तो मैं न खेलूं, मगर संगीता ने मेरा साथ दिया। इस मेडल में उनका काफी योगदान रहा, क्योंकि अगर नहीं खेलता तो मेडल नहीं जीता पाता।

पत्नी तैयारी में करती हैं मदद :
बजरंग ने बताया कि उनकी तैयारियों में भी उनकी पत्नी काफी मदद करती है। वो भी एक पहलवान हैं, एक एथलीट हैं। इसीलिए हम एक दूसरे के खेल को समझते हैं और खुलकर गलतियां बताते हैं। जब मैं खेल रहा होता हूं तो मैं नहीं जान पाता कि विपक्षी खिलाड़ी क्या कोशिश कर रहा है और क्या गलती हो रही है। बाद में हम वीडियो देखते हैं, मगर संगीता मुझे एक एक चीज बताती हैं और अगले बाउट में मैं उन गलतियों को सुधारता हूं। बजरंग ने कहा कि खेल में चोट तो लगती रहती हैं। ओलिंपिक में जब घुटने की चोट लगी तो सोचा कि सर्जरी करवा लूंगा, कौनसी बड़ी बात हैं। ट्रेनिंग में भी चोट लगती रहती है, यहां पर भी कट लगने से ज्यादा खून बह रहा था। 2 दिन बाद, 10 दिन बाद चोट ठीक हो जाएगी, मेडल पहले जरूरी है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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