हरिद्वार/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार की अदालत ने पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले पुलिस की पूछताछ में आरोपी पुलकित ने कबूल किया था कि उसने ही अंकिता को नहर में धक्का दिया था, जिससे डूबने से उसकी मौत हो गई थी। ये पूरा मामला यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर का है। यहां हरिद्वार के बीजेपी नेता विनोद आर्य का रिसॉर्ट बना था। इस रिसॉर्ट में ही अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट के पद पर काम करती थी। मृतका के पिता ने बताया था कि बेटी 18 सितंबर को काम पर गई, लेकिन वापस लौटकर नहीं आई। युवती के पिता ने रिजॉर्ट मालिक बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य पर अपहरण का शक जताया था। वहीं, घटना को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस महानिदेशक को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि जिस किसी ने भी ये अपराध किया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। इससे पहले ऋषिकेश में स्थानीय लोगों ने रिसॉर्ट में आग लगा दी थी। लोगों ने अंकिता के हत्यारों के लिए फांसी की मांग की है।
चिल्ला नहर से बरामद शव बरामद किया गया था :
अंकिता का शव ऋषिकेश में चिल्ला नहर से बरामद किया गया था। वहीं, इस पूरे मामले पर विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं। इसके बाद उत्तराखंड के समाज कल्याण अनुभाग ने पुलकित के बड़े भाई अंकित आर्य को पिछड़ा वर्ग आयोग में उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। वहीं भाजपा ने पिता विनोद आर्य को भी पार्टी से हटा दिया है। अंकिता मर्डर केस पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। इससे पहले उन्होंने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अफसोस की बात है कि पुलिस को 6 दिन शव ढूंढने में लग गए। अंकिता सारे उत्तराखंड की बेटी है, अब ये दायित्व सरकार और पुलिस के ऊपर है कि दोषियों को सख्त सजा मिले।
महिलाओं ने जताया था विरोध :
इस घटना पर लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिली थी। महिलाओं ने सड़क पर उतर कर अपना विरोध दर्ज कराया था। महिलाओं ने पुलिस वाहन रोक कर सरेआम आरोपी पुलकित आर्य की पिटाई कर डाली थी। सीएम धामी ने घटना पर दुख जताते हुए अधिकारियों को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम धामी ने इसको लेकर एक एसआईटी का गठन किए जाने की बात कही थी। पौड़ी के एएसपी ने बताया था कि शुरु में आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन सख्ती से पूछताछ के बाद सभी ने अपराध स्वीकार कर लिया।