करबला तालाब के किनारे बनाई गई बाउंड्री वॉल बारिश के एक झटके में भरभराकर गिर गई..स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत गीतानगर के पास बनाई गई यह दीवार करीब डेढ़ करोड़ की लागत से तैयार की गई थी…लेकिन न तो कॉलम डाले गए, न बीम… और न ही गुणवत्ता का कोई ध्यान रखा गया…अब जब दीवार गिर गई है, तो सवाल ये उठ रहा है — क्या स्मार्ट सिटी का मतलब सिर्फ बजट खपत और दिखावा है?चौबे कॉलोनी इलाके में रहने वाले लोग डरे हुए हैं, क्योंकि आसपास का पाथवे भी कभी भी धंस सकता है…बारिशें आती हैं, जाती हैं… लेकिन जो बहता है वो है सरकारी ईमानदारी का ढांचा…करबला तालाब की दीवार गिरने से एक बार फिर ये सवाल उठ खड़ा हुआ है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर कितने स्मार्ट घोटाले हो रहे हैं