नई दिल्ली/रायपुर। डेस्क। प्रियंका चोपड़ा दुनिया भर में उन कलाकारों की लंबी सूची में शामिल हो गई हैं जिन्होंने महसा अमिनी की मौत पर विरोध कर रही ईरानी महिलाओं के साथ एकजुटता जाहिर की है। ग्लोबल स्टार, एंटरप्रेन्योर और फिल्म निर्माता प्रियंका चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर ईरान की महिलाओं के लिए अपना समर्थन जाहिर करते हुए एक लंबा नोट लिखा। उन्होंने दूसरों से भी आगे आने और ईरानी मोरैलिटी पुलिस के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया।
प्रियंका ने किया ईरानी महिलाओं का समर्थन :
प्रियंका चोपड़ा ने महसा अमिनी की मौत पर ईरान की महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का सपोर्ट किया है। इंस्टाग्राम पर प्रियंका ने एक लंबा-चौड़ा नोट लिखा और कहा कि, “ईरान और दुनिया भर में महिलाएं खड़ी हैं और अपनी आवाज उठा रही हैं, सार्वजनिक रूप से अपने बाल काट रही हैं और महसा अमिनी के लिए कई दूसरे रूप से विरोध कर रही हैं, जिनके युवा जीवन को ईरानी मोरैलिटी पुलिस ने इतनी बेरहमी से छीन लिया था। उनके हिजाब को ‘गलत तरीके से’ पहनने के लिए ऐसा किया गया। जो आवाजें जबरदस्ती चुप्पी के बाद बोलती हैं, वो ज्वालामुखी की तरह फटती हैं और वो नहीं रुकेंगी और न ही दबी होंगी।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं आपके साहस और आपके उद्देश्य से शॉक्ड हूं। पैट्रियार्कल एस्टाब्लिशमेंट को चुनौती देने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए, अपने जीवन को जोखिम में डालना आसान नहीं है। लेकिन, आप साहसी महिलाएं हैं जो हर दिन ऐसा कर रही हैं, भले ही कोई भी कीमत चुकानी पड़े। प्रियंका ने अधिकारियों और सत्ता में बैठे लोगों से प्रदर्शनकारियों की पुकार सुनने और उनकी समस्याओं को समझने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि, “ये तय करने के लिए कि इस आंदोलन का स्थायी प्रभाव होगा, हमें उनकी पुकार सुननी चाहिए, मुद्दों को समझना चाहिए और फिर अपनी सामूहिक आवाज के साथ जुड़ना चाहिए। हमें उन सभी को भी हासिल करना चाहिए जो दूसरों को भी प्रभावित कर सकें, संख्या मायने रखती है। अपनी आवाज जोड़ें इस अहम आंदोलन के लिए। जानकार रहें और मुखर रहें, ताकि इन आवाजों को अब चुप रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सके। मैं आपके साथ खड़ी हूं। जिन, जियान, आजादी…महिलाएं, जीवन, स्वतंत्रता।”
महसा अमिनी कौन है और उनकी मृत्यु कैसे हुई?
महसा को 13 सितंबर को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वो अपने भाई और दूसरे रिश्तेदारों के साथ तेहरान मेट्रो स्टेशन से निकल रही थी। उन्हें हिजाब हेडस्कार्फ और मामूली कपड़े पहनने पर महिलाओं के लिए ईरान के सख्त नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। महसा तीन दिनों के लिए कोमा में थी, फिर “नेचुरल वजहों से” डेथ हो गई, जैसा कि अधिकारियों ने दावा किया था, लेकिन कार्यकर्ताओं के मुताबिक, उनकी मृत्यु की वजह सिर पर घातक आघात था। घटना के बाद, महसा अमिनी की मौत के विरोध में पिछले दो हफ्तों में हजारों ईरानी सड़कों पर उतर आए हैं। दुनिया भर की महिलाओं ने ईरानी महिलाओं की दुर्दशा के साथ रैलियों और प्रदर्शनों में सार्वजनिक रूप से अपने बाल काटकर या शेव करके या फिल्माए जाने के दौरान एकजुटता दिखाई है।