नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। हैंडसेट निर्माता कंपनियां ने मार्केट में एक नया ही ट्रेंड शुरू कर दिया है और वो है मोबाइल फोन के साथ चार्जर ना देने का। सबसे पहले स्मार्टफोन के साथ चार्जर ना देने की शुरुआत Apple ने की थी और फिर देखते ही देखते Samsung समेत अन्य कंपनियों ने भी अपने कुछ मॉडल्स के साथ चार्जर देना बंद कर दिया। बता दें कि एप्पल का iPhone के साथ चार्जर ना देने का फैसला कंपनी पर ही भारी पड़ गया है। बता दें कि ब्राजील में एप्पल पर बिना चार्जर के आईफोन बेचने पर 20 मिलियन यानी लगभग 164 करोड़ रूपए का जुर्माना ठोका गया है। ब्राजील में एक न्यायाधीश का कहना है कि आईफोन के साथ चार्जर ना देना बहुत ही गलत है, क्योंकि ऐसा करना यानी ग्राहकों को कंपनी का एक और प्रोडक्ट खरीदने के लिए मजबूर करना है।

सितंबर में भी लगा था जुर्माना :
याद दिला दें कि इससे पहले सितंबर में ब्राजील के न्याय मंत्रालय ने इसी मामले में Apple पर 2.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया था और कंपनी को अपने iPhone 12 और iPhone 13 मॉडल्स को बिना चार्जर के साथ बेचने पर रोक लगा दी थी। साओ पाउलो सिविल कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा ब्राजीलियाई कंज्यूमर एसोसिएशन द्वारा दायर मुकदमे में अपना फैसला सुनाया है।

2020 से शुरू हुआ था चार्जर ना देने का सिलसिला :
याद दिला दें कि एप्पल ने अक्टूबर 2020 से आईफोन के साथ चार्जर देने की शुरुआत की थी। इसका मतलब यह हुआ है कि कंपनी पहले प्रोडक्ट को चलाने के लिए ग्राहकों को कंपनी का दूसरा प्रोडक्ट लेने को मजबूर करती है।

पिछले हफ्ते हुआ ये बड़ा फैसला :
याद दिला दें कि पिछले हफ्ते यूरोपियन संसद ने एक नियम पास किया था कि 2024 के अंत तक सभी स्मार्टफोन्स, टैबलेट और कैमरा में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट (सिंगल चार्जर स्टैंडर्ड) दिया जाएगा। बता दें कि पिछले काफी समय से इस बात को लेकर खबरें सामने आ रही हैं कि एप्पल भी अपनी अगली आईफोन सीरीज में यूएसबी टाइप-सी चार्जर का इस्तेमाल कर सकती है लेकिन बता दें कि कंपनी की तरफ से अभी इस मामले में कोई भी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.