रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश में महिला रोजगार को बढ़ावा देने सीएम भूपेश बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ हाथकरघा विभाग को महिलाओं को रोजगार प्रदान करने का कार्य सौंपा गया है। बावजूद इसके, कई जगहों से महिला की जगह पुरुषों द्वारा कार्य किए जाने का मामला पहले भी सामने आ चूका है। ऐसा ही एक और मामला राजधानी के शदाणी दरबार के सामने बने हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से सामने आया है। यहां महिलाओं की जगह कलकत्ता (बंगाल) से पुरुष कारीगरों को बुलाकर शासकीय स्कुल के कपड़ों के सिलाई का कार्य करवाया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ग्राम सेमरा जिला धमतरी के वर्कऑर्डर पर राजधानी में बैठकर गुपचुप तरीके से कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। आपको बता दें, इस मामले की जानकारी छत्तीसगढ़ हाथकरघा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को भी नहीं है या शायद वे जबरन आँखों में पट्टी बंधा होने की बात कहकर अपना पत्ता साफ कर रहें हैं।

अभीतक पहले के शिकायतों में भी कार्यवाही नहीं हुई है, जिससे ये सिलाई व्यापारी दबंगई से इस कार्य को अंजाम दे रहें हैं और प्रदेश की महिलाओं के रोजगार पर फन फैलाकर बैठे हुए है। इससे प्रदेश की महिलाएं अपने रोजगार से वंचित हो रही है और व्यापारी अपना और अपने साथ जुड़े हुए विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की चांदी करवा रहें हैं। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि रायपुर के आस-पास में भी बंगाली कारीगर कार्य को अंजाम दे रहें हैं और छत्तीसगढ़ की महिलाओं का रोजगार छीन रहें हैं। यह सारी जानकारी छत्तीसगढ़ हथकरघा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को देने के बाद भी अभीतक किसी भी प्रकार की कार्यवाही आधिकारिक लेवल पर नहीं की गई है। इससे कहीं न कहीं अंदर में मिलीभगत की आशंका भी नज़र आ रही है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आंखिर महिलाओं का हक मारने वाले व्यापारी और अधिकारियों पर क्या विभाग कार्यवाही करेगा? क्या महिलाएं अपने हक के रोजगार से ऐसे ही वंचित रहेंगी? या जिम्मेदार अधिकारी अपना ज़मीर जगाते हुए इस मामले पर महिलाओं का हक वापस दिलाएंगे?

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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