रायपुर। दिनांक 25.01.2023। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा पूर्व में प्रकाशित टेंडर से सम्बंधित खबरों का जांच उपरांत खंडन किया गया हैं। विभिन्न न्यूज़ पोर्टल और समाचार पत्रों में छपे खबरों को खारिज करते हुए छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम ने छवि धूमिल करने और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया है।

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा अखिल भारतीय खुली ऑनलाईन निविदा प्रक्रिया माध्यम से कागज क्रय किया जाता है। इसके लिए एन.आई.सी. द्वारा निविदा होस्ट की जाती है।

NIC द्वारा छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के लिये वेबसाईट tbe.cg.nic.in का निर्माण किया गया व उसे NIC के सर्वर पर होस्ट किया गया। उपरोक्त सर्वर का Hostname (सर्वर का नाम) WIN-06170QKNPH7 है। इसी सर्वर पर निगम का ई-टेंडर साफ्टवेयर लोड है। ई टैंडर भरने के लिये 1 आई पी एड्रेस से एक ही टेंडर भरा जाने की अनुमति है व टेंडर जमा करते समय टैंडर भरने वाली मशीन में इंटरनेट सेवा प्रदायता का आई पी एड्रेस व NIC server का Hostname (मशीन का नाम) डेटाबेस में संग्रहित किया जाता है।

संदर्भित टेंडर मे 4 निविदाएं प्राप्त हुई जिनके आई पी एड्रेस अलग व अलग अलग क्षेत्रों के है। निविदा के Commercial rate card के Final Submit Sysinfo में जो एड्रेस show हो रहा है, वो Hostname NIC Server का है जो वांछित है। यहाँ Hostname टेंडर भरने में उपयोग होने वाली मशीन का नही लिया गया है, बल्कि NIC Server का लिया गया है।

उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट होता है कि निविदा अलग-अलग सिस्टम से भरी गयी है। जिसका परीक्षण भी एन.आई.सी. द्वारा किया गया है।

छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रतिस्पर्धी निविदा द्वारा अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर कागज क्रय किया जाता है। पंजाब, महाराष्ट्र व असम ने कमशः 1,11,304/-, 1.08,125/- 1,07,268 /-रू0 प्रति मीट्रिक टन (जी.एस.टी व भाडा पृथक) की दर से क्रय किया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ में इनसे बेहतर गुणवत्ता का कागज 1,07,500/-रू0 प्रति मीट्रिक टन (जी.एस.टी व भाडा पृथक ) की दर पर कम किया गया है।

अतः शासन की छवि धूमिल करने के लिए बिना सत्यापन के मिथ्या दुष्प्रचार करने का प्रयास किया गया है। जिसके विरुद्ध निगम द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि छ०ग० पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा कागज खरीदी में हुए भ्रामक व दुष्प्रचार कतिपय न्यूज पोर्टल (द रूरल प्रेस) एवं दैनिक समाचार पत्रों (नवभारत, हरिभूमि, देशबंधु आदि) किया गया है। उक्त दुष्प्रचार का खण्डन निगम कार्यालय द्वारा किया जाता है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.