कोलकाता/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। कभी देवस्मिता तो कभी पायल, तो कभी मऊ। इस तरह महिला एक के बाद एक नाम बदलकर नौकरी देने के नाम पर ठगी का गिरोह चला रही थी। पुलिस के मुताबिक वह कम से कम दस नामों से फ्रॉड चला रही थी। पुलिस ने महिला नटवरलाल सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में दो महिलाएं हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार लोगों के नाम अरूप कुंडू, राज मल्लिक, मऊ रॉय और मौमिता साहा हैं। पुलिस को फ्रॉड की सूचना मिली थी। उसके बाद पुलिस ने जाल फैलाकर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने यह भी पता लगाया कि यह गिरोह कैसे काम करता था। यह गिरोह विभिन्न अखबारों में विज्ञापन देकर दावा करता था कि निजी बैंकों में विभिन्न पदों पर नौकरियां हैं।
नौकरी देने के लिए अखबारों में देती थी विज्ञापन :
इन विज्ञापन कुछ सरकारी विभागों में नौकरी का भी जिक्र होता था। नौकरी चाहने वालों ने मोबाइल नंबर देखकर संपर्क करते थे, तो उन्हें कार्यालय बुलाया जाता था। नौकरी चाहने वालों से पहले ‘देवस्मिता मैडम’ बात करती थीं। कभी-कभी वह मऊ या पायल भी बन जाती थी। कभी-कभी वह कोई और नाम ले लेती थी। ‘देवस्मिता’ या ‘मऊ’ नाम की महिला नौकरी चाहने वालों से कई हजार रुपए एडवांस मांगती थी। आवेदकों द्वारा पैसे देने के बाद उन्हें रोजगार पत्र दिया जाता था। फिर उससे एक लाख रुपए की मांग की जाती थी और फर्जी नियुक्ति पत्र दिया जाता था।
लाखों रुपए लेकर दिया जाता था ज्वाइंनिंग लेटर :
इस तरह गिरोह कई नौकरी चाहने वालों से लाखों रुपये वसूल करता था। नौकरी चाहने वालों को केवल यह पता तब चलता था कि वे नकली रोजगार पत्र बैंक में ले जाते थे और उन्हें दिखाते थे, लेकिन दो महीने बाद ही वे ऑफिस बंद कर गायब हो जाते थे। इस तरह नौकरी चाहने वाले को 2600 रुपए एडवांस देकर बैंक में नियुक्ति दी जाती थी। एक शख्श ने एक लाख रुपए देकर नौकरी ली। नियुक्ति पत्र लेकर बैंक गया। बैंक अधिकारियों ने उन्हें बताया कि नियुक्ति पत्र फर्जी है। तो युवक ने हेयर स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज करायी। उसके आधार पर पुलिस ने कार्यालय की तलाशी ली और दो महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि वह उनसे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने कितने रुपये की ठगी की है।