रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने अपनी विदेश यात्रा में जो बयान दिया था उससे सियासी भूचाल मचा हुआ है। भाजपा इस बयान के जरिए पूरी सियासी लड़ाई को मोदी बनाम राहुल बनाने की कोशिश में लगी है। पूरे देश में यह मुद्दा सियासी रंग ले रहा है, मगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पूरी तरह बेफिक्र है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दिए गए बयान को भाजपा ने हथियार बनाया हुआ है। इस मामले पर संसद में भी जमकर हंगामा हो रहा है और बीते पांच दिनों से तो संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। भाजपा राहुल गांधी के बयान को देश का अपमान बताते हुए उनसे माफी मांगने पर अड़ी हुई है। भाजपा की ओर से लगातार कोशिश हो रही है कि इस पूरे मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी की सियासी लड़ाई में तब्दील कर दिया जाए। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेता यह बताने की कोशिश में लगे हैं कि राहुल गांधी ने विदेशी जमीन पर भारत के खिलाफ बयान दिया है। वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस इस सियासी मुद्दे से पूरी तरह बेफिक्र नजर आ रही है।

क्यों बेफिक्र है छत्तीसगढ़ कांग्रेस?
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि, भाजपा हर चुनाव से पहले ऐसा नैरेटिव तैयार करने की कोशिश करती है जिसके जरिए वह चुनाव जीत जाए, क्योंकि उसने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है जिसके चलते जनता उसके साथ हो। वर्तमान में राहुल गांधी के जिस बयान को आधार बनाया जा रहा है उसके पीछे वास्तव में मंशा यह है कि अडानी के मुद्दे से देश का ध्यान हटाया जा सके। किसी राजनेता को संसद में न बोलने देना, उसका माइक बंद करना यह लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है।

शुक्ला ने कहा कि सभी विपक्षी दल एकजुट हैं और अडानी मामले में जेपीसी गठित करने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों की एकजुटता से भाजपा को सूझ नहीं रहा है कि वह क्या करे। पूरे देश की जनता जान गई है कि भाजपा क्या कर रही है। भाजपा, राहुल गांधी के बयान के आधार पर पूरी सियासी लड़ाई को मोदी बनाम राहुल बनाने की चल रही कोशिश से छत्तीसगढ़ की कांग्रेस पूरी तरह बेफिक्र है। कांग्रेसी मानकर चल रही है कि राज्य की भूपेश बघेल सरकार आम गरीब, किसान, महिलाओं की जिंदगी में जिस तरह का बदलाव लाने का अभियान चलाए हुए है वह कांग्रेस का चुनाव जीतने का आधार बनेगा।

राष्ट्रीय मुद्दे का छत्तीसगढ़ में नहीं असर :
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति पर राष्ट्रीय मुद्दों का उतना गहरा असर नहीं होता है जितना स्थानीय राजनेताओं की कार्यशैली का। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार छत्तीसगढ़ की अस्मिता को लेकर आगे बढ़ रही है और यही बात उसे राजनीतिक तौर पर विधानसभा चुनाव में लाभ पहुंचाने वाली है, हां लोकसभा के चुनाव में जरुर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय मुद्दों का असर होगा। राज्य में भाजपा में वह जुझारू नजर नहीं आती जिसके लिए यह राजनीतिक दल पूरे देश में पहचाना जाता है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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